आमने -सामने: महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर का विपक्षी नेताओं को खुला चैलेंज, कहा 'साहस हो तो बताएं मेरे फैसले में क्या गैरकानूनी है?

  • दलबदल विरोधी कानून की समीक्षा समीति के प्रमुख बनें नार्वेकर
  • विपक्षी नेताओं के पास साबित करने का साहस नहीं
  • व्यक्तिगत टिप्पणियां करने की बजाय साबित करे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-30 12:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच तनातनी ठन गई है। दोनों ही नेता के बीच विधायकों की अयोग्यता मामले से बयानबाजी शुरु हुई। उद्धव ठाकरे ने विधानसभा स्पीकर पर तब और निशाना साधा जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नार्वेकर को दलबदल विरोधी कानून की समीक्षा करने के लिए बनाई गई समिति का प्रमुख बनाया था। ठाकरे ने इसे लेकर नार्वेकर की आलोचना की थी।

ठाकरे ने सवाल करते हुए कहा कि क्या यह कदम देश में ‘‘लोकतंत्र को खत्म करने की दिशा में अगला कदम है’, यहीं नहीं उनके बेटे पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि नार्वेकर को इसलिए समिति का प्रमुख तो नहीं बनाया गया क्योंकि उन्होंने पांच साल की अवधि में तीन दलों में शामिल होने का अनुभव है। शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत  के साथ साथ  एनसीपी शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जितेंद्र अव्हाड ने भी नार्वेकर को उक्त समिति का प्रमुख बनाने के कदम की आलोचना की थी।

आपको बता दें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने दो धड़ों में बंटी शिवसेना गुट को लेकर फैसला लेना था। कि असली शिवसेना कौन सी है। आपको बता दें शिवसेना शिंदे और शिवसेना यूबीटी में से स्पीकर ने शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया। जिससे उद्धव गुट को झटका लगा तब से शिवसेना यूबीटी के नेता नार्वेकर पर निशाना साध रहे है। उन पर सवाल खड़ा कर रहे है। अब ये पहली बार है जब राहुल नार्वेकर ने मुखरता से शिवसेना यूबीटी से सवाल पूछा है।

शिवसेना यूबीटी प्रमुख के बयान का पलटवार करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उद्धव ठाकरे में साहस हो तो बताएं कि शिवसेना विधायकों से संबंधित अयोग्यता याचिका पर उनके फैसले में क्या गैरकानूनी था। स्पीकर नार्वेकर ने आगे कहा, ‘‘मेरे खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां करने के बजाय विपक्षी नेताओं के पास यह साबित करने का साहस नहीं है।

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