मध्य प्रदेश चुनाव : 40 से ज्यादा वर्तमान विधायकों का टिकट काट सकती है भाजपा

  • मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधान सभा चुनाव होना है
  • बीजेपी राज्य में फिर से सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में उतर रही है
  • भाजपा इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करने का दावा कर रही है

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-29 12:22 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधान सभा चुनाव होना है और भाजपा इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल कर राज्य में फिर से सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में उतर रही है। 2018 की गलतियों से सबक लेते हुए भाजपा ने इस बार अपने रणनीति में व्यापक बदलाव किया है।

पार्टी ने इस बार एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा अन्य दिग्गज नेताओं को भी चुनाव प्रचार अभियान में आगे रखा है तो वहीं अब एंटी इनकंबेंसी के माहौल को कमजोर करने के लिए पार्टी ने अपने 40 से ज्यादा वर्तमान विधायकों का टिकट काटने की भी तैयारी कर ली है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने राज्य के एक-एक विधान सभा सीट पर जीत हार के समीकरण को लेकर और वर्तमान विधायकों की सक्रियता, लोकप्रियता, उम्र, जनाधार और जीतने की क्षमता को लेकर कई स्तरों पर व्यापक और बड़े पैमाने पर सर्व करवाए हैं।

पार्टी ने दूसरे राज्यों के नेताओं और खासकर विधायकों को मध्य प्रदेश में उतार कर हर विधान सभा सीट की ग्राउंड जानकारी एकत्र की है और इस आधार पर पार्टी ने अपने वर्तमान विधायकों को बड़े पैमाने पर बदलने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस बार अपने 40 से ज्यादा वर्तमान विधायकों का टिकट काट कर उनकी जगह युवा और नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है ताकि सत्ता विरोधी लहर को मात देकर उन सीटों पर फिर से जीत हासिल की जा सके। हालांकि, टिकट कटने वाले नेताओं की लिस्ट में कुछ ऐसे विधायक भी शामिल हैं जिनकी उम्र 75 पार हो चुकी है।

आपको बता दें कि, 2018 के पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से थोड़ा ज्यादा वोट हासिल होने के बावजूद राज्य में सिर्फ 109 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई थी। जबकि, कांग्रेस के उम्मीदवार 114 सीटों पर जीते थे। 2018 में भाजपा को मध्य प्रदेश में 41.02 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। जबकि, कांग्रेस को भाजपा से थोड़ा कम 40.89 प्रतिशत वोट मिला था। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के विधायकों के इस्तीफे के कारण कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने।

सिंधिया गुट के इस्तीफा देने वाले कई विधायक भाजपा के टिकट पर उपचुनाव जीत कर विधायक बने। वर्तमान में मध्य प्रदेश विधान सभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 127 है और पार्टी इनमें से 40 से ज्यादा विधायकों के टिकट काटने का मन बना चुकी है। आपको याद दिला दें कि, राज्य में विधान सभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही भाजपा हाल ही में अपने लिए कमजोर माने जाने वाली 39 विधान सभा सीटों पर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर चुकी है।


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