लोकसभा चुनाव 2024: मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज तीन लोकसभा क्षेत्रों में करेंगे चुनाव प्रचार
- सीएम डॉ यादव की सागर, भिण्ड व ग्वालियर में चुनावी सभाएं
- शाम को ग्वालियर में मीटिंग
- बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज तीन लोकसभा सीट सागर, भिण्ड व ग्वालियर में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक डॉ यादव सुबह लगभग सवा 11 बजे सागर लोकसभा की बीना में, दोपहर सवा 12 बजे खुरई में जनसभा को सम्बोधित करेंगे। इसके बाद सीएम डॉ यादव दोपहर सवा दो बजे भिंड लोकसभा के लहार में जनसभा करेंगे। दोपहर सवा तीन बजे ग्वालियर लोकसभा के मेहगांव में, शाम पौने पांच बजे भितरवार विधानसभा के चिनोर में जनसभा को सम्बोधित करेंगे। शाम को वे ग्वालियर में एक मीटिंग में शामिल भी होंगे।
मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में शुमार भिंड-दतिया लोकसभा सीट भाजपा की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है। भिंड सीट भाजपा का एक मजबूत गढ़ है। भाजपा भिंड सीट पर अपना प्रत्याशी बदले या न बदले, पार्टी फिर भी चुनाव जीतने में सफल रहती है। एक बार तो भाजपा ने भिंड सीट से कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी को टिकट दे दिया था तो वह भी चुनाव जीत गया था। एक वक्त पर कांग्रेस पार्टी का गढ़ कही जाने वाली भिंड सीट पर कांग्रेस पिछले 35 सालों से हार का मुंह देख रही है। वर्तमान में भाजपा की वरिष्ठ नेता व प्रदेश उपाध्यक्ष संध्या राय भिंड से सांसद हैं।
भाजपा ने जनता के विश्वास और विकास को देखते हुए मौजूदा सांसद संध्या सुमन राय पर ही भरोसा जताया है। कांग्रेस ने दिग्गज नेता व भांडेर से विधायक फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार घोषित किया है। बरैया की गिनती वरिष्ठ नेताओं में होती है।
पिछले चुनाव का रिजल्ट?
साल 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मुरैना निवासी संध्या सुमन राय को भिंड-दतिया सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। इससे पहले राय 2003 से 2008 तक दिमनी विधानसभा सीट से विधायक रही थी। दस साल बाद राय को पार्टी ने भिण्ड दतिया लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया, तब संध्या राय के सामने कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के करीबी देवाशीष जरारिया को चुनावी मैदान में उतारा था। जिसमें जरारिया को हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा की संध्या राय ने कांग्रेस के जरारिया को करबी दो लाख वोटों से हराया था। इस दौरान भाजपा को कुल 5 लाख 27 हजार 694 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस पार्टी को 3 लाख 27 हजार 809 वोट मिले। सांसद रहते हुए राय ने शहर में भिंड-अटेर क्रासिंग, सोनी, रायतपुरा -साैंधा के पास ओवरब्रिज की मंजूरी दिलाने के साथ इटावा-ग्वालियर तक मैमो ट्रेन की मंजूरी दिलाने सहित इटावा-ग्वालियर हाइवे को फोरलेन की मंजूरी दिलाने में कामयाब रही। कार्यकर्ताओं के साथ मतदाताओं के बीच सांसद राय की छवि साफ एवं स्वच्छ है। यहीं मुख्य वजह रही की पार्टी ने उन पर पुन: भरोसा जताया है। संध्या राय को बीजेपी के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर का करीबी माना जाता है।
35 साल से नहीं जीती कांग्रेस
साल 1984 के आम चुनाव में आखिरी बार कांग्रेस पार्टी ने भिंड-दतिया सीट जीती थी। 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरसिंह राव दीक्षित भाजपा में शामिल हो गए। जिसके बाद से कांग्रेस का मजबूत किला ध्वस्त हो गया। खास बात तो यह थी भाजपा से पहले सांसद बने नरसिंह राव वही नेता थे जो कांग्रेस के टिकट पर पहले चुनाव हार चुके थे। भिण्ड दतिया लोकसभा सीट की सीमाएं उत्तरप्रदेश से सटे होने के कारण चुनावी रंग में यहां बहुजन समाज पार्टी का प्रभाव भी अधिक देखने को मिलता है। 2003 से पहले बरैया बीएसपी के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके है।