बजट सत्र: 17वीं लोकसभा का आखिरी सत्र खत्म, पीएम मोदी ने बीते पांच साल की उपलब्धियां गिनाई
- शनिवार को बजट सत्र का आखिरी दिन हुआ खत्म
- पीएम मोदी ने गिनाई उपलब्धियां
- जी-20 समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद में बजट सेशन के आखिरी दिन शनिवार को मोदी सरकार ने पिछले पांच साल की उपलब्धियां गिनाई। सदन में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे। ऐसा बहुत कम होता है कि सुधार और प्रदर्शन दोनों होते हैं और हम परिवर्तन को अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं। देश 17वीं लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला। भारत को बहुत बड़ा सम्मान मिला। देश के हर राज्य ने भारत की क्षमता और अपनी पहचान दुनिया के सामने रखी। इसका प्रभाव आज भी दुनिया के मानस पटल पर है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोग सामाजिक न्याय से वंचित थे। आज, हम संतुष्ट हैं कि हमने सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय दिलाया है। आतंकवाद एक कांटा बन गया था, देश के सीने में गोलियां दाग रहा था। हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए। मेरा पूर्ण विश्वास है कि जो लोग इस तरह के मुद्दों से पीड़ित हैं उन्हें इसी तरह ताकत मिलेगी।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "75 वर्षों तक हम अंग्रेजों द्वारा दी गई दंड संहिता के साथ रहे। नई पीढ़ी से हम गर्व से कह सकते हैं कि देश भले ही 75 साल तक दंड संहिता के अधीन रहा हो, लेकिन अगली पीढ़ी न्याय संहिता के साथ जीयेगी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "चुनाव बहुत दूर नहीं हैं, कुछ लोग घबरा सकते हैं लेकिन यह लोकतंत्र का एक अनिवार्य पहलू है। हम सभी इसे गर्व से स्वीकार करते हैं।' मेरा मानना है कि हमारे चुनाव देश का गौरव बढ़ाएंगे और लोकतांत्रिक परंपरा का पालन करेंगे - जिससे दुनिया आश्चर्यचकित है।''
पीएम मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से सदन को संबोधित करते हुए कहा, 'आप सदैव मुस्कुराते रहते थे। आपकी मुस्कान कभी फीकी नहीं पड़ी। आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं। गुस्से, आरोप-प्रत्यारोप के क्षण आए लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया और सदन चलाया और हमारा मार्गदर्शन किया। मैं इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं।'
इसी के साथ 17वीं लोकसबा के अंतिम समत्र के आखिरी दिन सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई।