हिरासत में केजरीवाल: कांग्रेस के लिए काफी मायने रखते हैं केजरीवाल, क्या गिरफ्तारी का मुद्दा बनेगा इंडिया गठबंधन का सबसे बड़ा हथियार?
- दिल्ली आबकारी मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल हुए गिरफ्तार
- दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने किया बचाव
- केजरिवा की गिरफ्तारी से इंडिया गठबंधन को होगा फायदा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार रात को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तार कर लिया है। इसे लेकर आप और इंडिया गठबंधन के नेताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार की जमकर आलोचना की है। विपक्षी नेताओं ने दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी को असंवैधानिक और लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। इस बीच विपक्ष के अलायंस में सवाल उठ रहा है कि क्या आगामी चुनाव में केजरीवाल की गिरफ्तारी से इंडिया एलयांस को नुकसान होगा या फिर उनका पाला और मजबूत होगा? फिलहाल, गठबंधन में इन सवालों के जवाब को लेकर चर्चा जारी है। इसके अलावा विपक्ष ने बीजेपी पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का इल्जाम भी लगाया है।
दिल्ली में आप नेता की गिरफ्तारी पर टीएमसी के मुख्य सचेतक डेरेक ओ ब्रायन ने सवाल पूछा, "अगर मौजूदा मुख्यमंत्रियों और प्रमुख विपक्षी नेताओं को लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले गिरफ्तार किया जाता है तो हम निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?"
इंडिया गठबंधन में दरार?
बीते दिनों दिल्ली में लोकसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया एलयांस के बीच गठबंधन हुआ था। कांग्रेस ने अपने समर्थक दल के नेता की गिरफ्तारी के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई। दरअसल, ईडी की ओर से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली उनके आवास पर मौजूद थे। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मलिल्कार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी ने दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए केंद्र सरकार को जमकर लताड़ा था।
इसे लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। इसके बाद इंडिया एलयांस के सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी), पीडीपी और सपा समेत कई दलों के नेता भी पीएम मोदी पर हमलावर हो गए हैं। वहीं, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद राहुल गांधी उनके परिवार से मिलने सीएम आवास पहुंचे थे।
केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए बनाई गई विपक्षी इंडिया गठबंधन में शुरुआत के कुछ ही दिनो में सीट शेयरिंग को लेकर तनातनी होने लगी थी। ऐसे में दिल्ली और पंजाब से आम आदमी पार्टी और बंगाल की तृणमूल कांग्रेस ने सीट बंटवारे पर बातचीत न बनने से बाहर हो गई थीं। इसके बाद बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'एकला चलो' नीति के तहत चुनाव लड़ने का ऐलान किया। हालांकि, गठबंधन में दिल्ली से आप और बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी की फिर से एंट्री हो गई थी। वहीं, एलयांस में अन्य सहयोगी दलों और कांग्रेस के बीच बैठकों में नाराजगी दिखना शुरू हो गई थी। इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन छोड़ भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए खेमे में शामिल हो गए थे। इतना ही नहीं, दक्षिण भारत की वायनाड और केरल लोकसभा सीटों पर सीपीआई और कांग्रेस के बीच रार चल रही है।
गिरफ्तारी बन सकती है सबसे बड़ा मुद्दा
राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस अपनी मुंबई की रैली में जो दांव नहीं चला। उसे आम आदमी पार्टी दिल्ली में केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आजमा सकती है। आप के समर्थन में उतरने वालों पर बीजेपी भ्रष्टाचार का कार्ड खेल सकती है। जनसभा को संबोधित करने के दौरान पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षी दलों पर वार किया है। उन्होंने अपने आप को भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाने वाले व्यक्ति बताया है।
माना जा रहा था कि चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन एक मुद्दे को तलाश रही थी। ताकि, वह केंद्र की मोदी सरकार को अपना दबदबा दिखाने में कामयाब हो पाए। हालांकि, कुछ वक्त पहले तक कांग्रेस दिल्ली की आम आदमी पार्टी को बीजेपी की बी टीम बताती थी। यहां तक की कांग्रेस अरविंद केजरीवाल को कभी भरोसेमंद नहीं मानती थी। ऐसे में अब वह इंडिया गठबंधन के लिए उम्मीद की किरण बन गए हैं।