लोकसभा चुनाव 2024: कर्नाटक पुलिस ने बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और अमित मालवीय को भेजा नोटिस,सात दिनों के भीतर थाने में आए

  • सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में प्राथमिकी दर्ज
  • सात दिनों के भीतर सुबह 11 बजे तक पेश होने को कहा
  • मतदाताओं को डराना-धमकाना का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-08 14:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक पुलिस ने एक ट्वीट के संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी सदस्य अमित मालवीय को बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में सात दिनों के भीतर सुबह 11 बजे तक पेश होने को कहा है। पुलिस ने यह नोटिस ऐसे समय में भेजा है जब कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने चुनाव आयोग से आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर जेपी नड्डा और अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

पुलिस ने ट्वीट संबंधी मामले में जांच के उद्देशय से उन्हें बुलाया गया है। पुलिस के समन में दोनों नेताओं को नोटिस प्राप्ति के सात दिनों के भीतर हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने को कहा गया है। समन जारी करने से पहले पुलिस ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को कर्नाटक भाजपा द्वारा शेयर किए गए एनिमेटेड वीडियो को हटाने के निर्देश दिए।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में कथित तौर पर एससी और एसटी सदस्यों को एक विशिष्ट उम्मीदवार के लिए वोटिंग करने से डराया गया था। पुलिस का कहना है कि कर्नाटक बीजेपी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक ट्वीट के संबंध में पेश होने के लिए कहा है। नड्डा और मालवीय पर आरोप लगाया है कि ट्वीट में कथित तौर पर एससी/एसटी समुदाय को निशाना बनाया गया था। कर्नाटक कांग्रेस ने शिकायत में कर्नाटक प्रदेश भाजपा के आधिकारिक अकाउंट से ‘एक्स’ पर पोस्ट एक वीडियो का हवाला दिया। उसने आरोप लगाया कि इस अकाउंट का संचालन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के निर्देश पर पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय करते हैं।

बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के चीफ अमित मालवीय और कर्नाटक बीजेपी के प्रमुख बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने सोमवार को बताया कि इन नेताओं पर एक विशेष उम्मीदवार को वोट न देने के लिए एससी व एसटी के सदस्यों को कथित तौर पर डराने-धमकाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

आपको बता दें कर्नाटक कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए उक्त वीडियो में राहुल गांधी और (मुख्यमंत्री) सिद्धरमैया के एनिमेटेड किरदार दिखाए गए हैं। वीडियो में एससी, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय को एक घोंसले में रखे ‘अंडों’ के तौर पर दिखाया गया है तथा इसमें राहुल गांधी को मुस्लिम समुदाय नाम से एक बड़ा अंडा रखते हुए भी दिखाया गया है। उसने कहा इसे इस तरह से प्रदर्शित किया गया है कि जैसे कि मुस्लिम समुदाय को दर्शाने वाले चूजों को धन दिया जा रहा हो, जो बाद में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को बाहर निकाल देते हैं। कर्नाटक कांग्रेस ने शिकायत की है कि आरोपियों का कृत्य जानबूझकर दंगा भड़काना और विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना है तथा एक विशेष उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों को डराना-धमकाना और इस समुदाय के सदस्यों के खिलाफ वैमनस्य पैदा करना है।

 

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