लोकसभा स्पीकर: JDU-TDP का भाजपा को समर्थन, इंडिया गठबंधन ने रखी शर्त, लोकसभा में स्पीकर पद पर खींचतान शुरू

  • स्पीकर पद को लेकर आमने सामने पक्ष और विपक्ष
  • भाजपा को जेडीयू और टीडीपी का समर्थन
  • इंडिया गठबंधन ने कर दी मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-15 15:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की सत्ता में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन सरकार का तीसरा टर्म शुरू हो चुका है। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों ने विभागों की जिम्मेदारी भी संभाल ली है। इसके बाद अब संसद में लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर विपक्ष अपने कैंडिडेट के चयन की तैयारी में जुटा है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि अगर उसे लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद ऑफर होता है तो वह स्पीकर के लिए अपने कैंडिडेट का ऐलान नहीं करेगा। 

जेडीयू-टीडीपी का भाजपा को समर्थन 

दरअसल, केंद्र में एनडीए सरकार के काबिज होने के बाद से माना जा रहा था कि लोकसभा स्पीकर के पद पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) दावा ठोक सकती है। हालांकि, इस पर जेडीयू ने शु्क्रवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि उनकी पार्टी और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ है। भाजपा की ओर से स्पीकर पद पर जो भी सदस्य उचित होगा उसे जेडीयू और टीडीपी अपना समर्थन देंगे।

साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर केंद्र में सरकार बनाई थी। इसके बाद से ही लोकसभा में स्पीकर पद पर भाजपा की हुकुमत थी। लेकिन, साल 2024 में भाजपा को बहुमत ना मिलने पर स्पीकर पद के चुनाव पर राजनीतिक दलों में रार शुरू हो गई। ऐसे में लोकसभा में स्पीकर पद पर 234 सीटें जीतने वाली इंडिया गठबंधन की भूमिका अहम होने वाली है।

स्पीकर पद पर भाजपा की नहीं चलेगी मनमानी - विपक्ष

लोकसभा में स्पीकर पद को लेकर इंडिया गठबंधन के घटक दल दावा कर रहे हैं कि इस बार भाजपा अपनी मनमानी नहीं चला पाएगा। बता दें, 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 17 जून 2019 से शुरू हुआ था। जो 5 जून 2024 में जाकर समाप्त हुआ था। इस बीच संसद में कई तरह के प्रदर्शन भी देखने को मिला। इस कार्यकाल में ज्यादातर सांसदों को निलंबित भी किया गया था। साल 2023 दिसंबर में शीतकालीन सत्र में 146 सांसदों का निलंबन हआ था।

लोकसभा चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद 8 जून को कांग्रेस वर्किंक कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अब संसद में पहले के जैसा दबाव न ही बनाया जाएगा और न ही बनाया जाना चाहिए जो बीते 10 सालों में होते आया है।

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