एग्जिट पोल: जम्मू की सत्ता में लौटना बीजेपी को चुनौती, पीडीपी को मनाना मजबूरी और जरूरी

  • आंकड़ों से नहीं हथकंड़ों से भी सरकार बन जाती है
  • सत्ता हर किसी को अपने पास खींच लेती है
  • पीडीपी की भूमिका अहम साबित होगी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-06 06:59 GMT

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों को लेकर एग्जिट पोल के आंकड़ें भले ही भारतीय जनता पार्टी को बहुमत से दूर दिखा रहे हो, लेकिन ये संभावना भी है कि बहुमत से दूर रहकर भी बीजेपी छोटे स्थानीय दलों और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बना सकती है।  

एग्जिट पोल में बीजेपी को 2014 विधानसभा चुनाव में मिली सीटों से थोड़ा अधिक सीट मिलने का अनुमान है। 2014 में बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी। लेकिन अनुच्छेद 370 को हटाने के चलते बीजेपी ने पीडीपी से नाता तोड़ा। इन चुनावों में भी पीडीपी अपने बलबूते पर चुनाव लड़ी, जबकि नेकां और कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा । हालांकि पीडीपी नेताओं की ओर से सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को सबक सिखाने के लिए इंडिया ब्लॉक या विपक्षी दलों का साथ देने की बात कही जा रही है। लेकिन ये सियासत है, कब कौन बयान और बाजी बदल दें इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।

लेकिन आपको बता दें अगर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में आती है, तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती पीडीपी को मनाने की रहेगी। क्‍योंकि एक बार बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव पीडीपी के लिए बहुत बुरा रहा है। दूध का जला दही को भी फूंक फूंक पीता है, ऐसी कहावत सार्थक सिद्ध होगी। हालांकि विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन से बाहर रहकर पीडीपी की राजनीति फीकी पड़ने के सवाल उठें। ऐसे में हाशिये की तरफ जाना और  बीजेपी के साथ मिलने का बेहतर विकल्प उसके पास रहेगा। अगर नेकां और कांग्रेस बहुमत के नजदीक तक पहुंच पाते है तो भी सरकार पर तलवार हमेशा लटकी रहेगी। 

निजी न्यूज चैनल आज तक ने इसे लेकर  लिखा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए C Voter के एग्जिट पोल के आंकड़े चाहे जो इशारे कर रहे हों, ये कतई जरूरी नहीं है कि जो गठबंधन सरकार बनाते हुए नजर रहा है, सत्ता पर काबिज भी आखिरकार वही हो पाये।

एग्जिट पोल के मुताबिक जम्मू में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है, जबकि बीजेपी पिछड़ती हुई नजर आ रही है। सियासत की लड़ाई में आकंड़ें कुछ भी बोले आकंड़ों से अधिक हथकंडे काम आते है। हीरा भले ही हीरा को काटता हो लेकिन सियासत में सत्ता हर किसी को अपनी और खींच लेती है। एग्जिट पोल के मुताबिक अगर नतीजे आते है तो जम्मू-कश्मीर में भी 2019 के हरियाणा की तरह ‘खेला’ देखने को मिल सकता है।

Tags:    

Similar News