इंडिया गठबंधन को झटका: नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच सीट बंटवारे पर नहीं बनी सहमति, बोले उमर अब्दुल्ला - अपने दम पर लड़ेंगे चुनाव
- लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही दिन बचे
- शीट शेयरिंग को लेकर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस में नहीं बनी बात
- तीसरे नंबर की पार्टी को सीट मांगने का अधिकार नहीं - उमर अब्दुल्ला
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। लोकसभा चुनाव होने में कुछ दिनों का समय बचा है। इस सियासी महासंग्राम के लिए सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बीच विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के लिए एक बुरी खबर आई है। दरअसल, इंडिया अलायंस का हिस्सा नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच जम्मू-कश्मीर में सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी पर कटाक्ष करते हुए मीडिया से कहा, 'मैंने आपको बताया है जो पार्टी तीसरे नंबर पर है उसे सीट मांगने का कोई अधिकार नहीं है। अगर मुझे इंडिया अलायंस में शामिल होने से पहले बताया गया होता कि हमें दूसरे के लिए खुद को कमजोर करना होगा, तो मैं कभी शामिल नहीं होता।'
अपनी दम पर लड़ेंगे चुनाव
पीडीपी से गठबंधन की संभावनाओं के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व नेता ने कहा, 'जहां तक सीट की बात है तो हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए।' वहीं इंडिया गठबंधन को छोड़ बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने की अटकलों पर भी उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, 'मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि एनडीए के लिए कोई भी खिड़की या यहां तक कि एक छोटा सा क्रैक भी नहीं है। हमारा उनके साथ शामिल होने की कोई संभावना नहीं है।'
बता दें कि कुछ दिनों पहले पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर की 5 और लद्दाख की एक सीट पर अकेले चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। वह जल्द ही इन सीटों उम्मीदवारों का चुनाव करेगी। वहीं उमर अब्दुल्ला के बयान पर पीडीपी के नेता बुखारी ने कहा, 'चूंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पहले ही अकेले चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है, हम लोग इस पर चर्चा करेंगे। विचार विमर्श होने के बाद जल्द ही एक्शन लिया जाएगा।'
पिछले लोकसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो जम्मू-कश्मीर की 6 लोकसभा सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस को तीन सीटें मिलीं थीं। वहीं बीजेपी ने भी 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि कांग्रेस और पीडीपी के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी।