लोकसभा चुनाव 2024: झारखण्ड में बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को भेजा कारण बताओ नोटिस, दो दिन की मिली मोहलत
- धनबाद विधायक को भी जारी किया नोटिस
- जयंत सिन्हा ने राजनीति को कहा अलविदा
- इंडिया ब्लॉक के मंच पर दिखे जयंत के बेटे
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखण्ड में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को चुनाव संगठन के प्रचार प्रसार और मतदान न करने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आपको बता दें लोकसभा चुनाव-2024 में जब से हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने मनीष जयसवाल को प्रत्याशी घोषित किया गया है, तब से आप न तो चुनाव प्रचार-प्रसार और न ही संगठनात्मक कार्य में रुचि ले रहे हैं। इसके बावजूद इस लोकतंत्र के महापर्व में आप अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा। आपके द्वारा बरती गई इस रवैये से पार्टी की छवि धुमिल हुई है।
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री व राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने जयंत सिन्हा को नोटिस भेजा है। खत में साूह ने सिन्हा से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देशानुसार 2 दिनों के अन्दर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। बीजेपी ने धनबाद से विधायक राज सिन्हा को भी नोटिस जारी किया है। राज्यसभा सांसद और पार्टी महासचिव आदित्य साहू ने एटी/आईटी से बात करते हुए कहा कि ये अनुशासन का मुद्दा है और पार्टी इस विषय पर जीरो टॉलरेंस रखती है। हालांकि, उम्मीदवार के चयन को लेकर बीजेपी में कलह और अंतर्कलह बाहर आ गई है।
खबरों के मुताबिक जयसवाल को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से ही जयंत सिन्हा पार्टी के फैसले से नाराज हैं और यही कारण है कि उन्होंने चुनाव प्रचार से खुद को दूर कर लिया था। सिन्हा के इसी रवैए को देखते हुए अब पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बीजेपी ने धनबाद सीट से पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ बयान देने के लिए धनबाद विधायक राज सिन्हा को भी कारण बताओ नोटिस भेजा है।
आपको बता दें बीजेपी ने मार्च में ही जयसवाल को उम्मीदवार घोषित कर दिया था, लेकिन उससे कुछ दिन पहले ही जयंत सिन्हा ने राजनीति को अलविदा कहने का खुद ऐलान किया था। प्रत्याशी घोषित होने के बाद जयसवाल जयंत से मिलने पहुंचे थे। तब जयंत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा था, हजारीबाग संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी मनीष जायसवाल ने आज मुलाकात की। उन्हें चुनाव के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। हम कमल को रिकॉर्ड मार्जिन से जिताएंगे।
यशवंत सिन्हा के पोते व जयंत सिन्हा के बेटे आशिर सिन्हा हाल ही में झारखंड में कांग्रेस के मंच पर सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए। उसके बाद झारखंड में काफी बवाल हुआ। हंगामे के बाद कांग्रेस ने इस मामले पर सफाई भी दी थी। झारखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने इसे लेकर कहा था कि रैली में यशवंत सिन्हा को आमंत्रित किया गया था, लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने अपने पोते को प्रतिनिधि के तौर पर भेजा था। आपको बता दें जयंत के पिता यशवंत सिन्हा लंबे समय तक बीजेपी में रहे, बाद में उन्होंने बीजेपी को छोड़ दिया था और टीएमसी में शामिल हो गए थे। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार भी बनाया था। यशवंत सिन्हा हजारीबाग सीट का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। दो बार बेटे जयंत सिन्हा की जीत में भी उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है।