पाकिस्तान सियासत: इमरान खान को सेना से मिला PM पद का ऑफर, रखी ये शर्त

  • इमरान हो सकते पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री
  • पाकिस्तान में सेना ने इमरान को दिया PM पद का ऑफर
  • 9 मई की हिंसा को लेकर माफी मांगे इमरान- सेना

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-16 11:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में चुनाव नतीजे घोषित हुए एक सप्ताह बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक पाक में सरकार का गठन नहीं हुआ है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने छोटे भाई शहबाज शरीफ को कुर्सी पर बिठाने के लिए तैयारी में लगे हुए हैं। इधर, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने उमर अयूब को अपना पीएम उम्मीदवार बनाया है।

इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ(पीटीआई) को इस बार सिंबल नहीं मिला था। ऐसे में उनकी पार्टी निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़े। जिसमें उनकी पार्टी ने 93 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, दूसरे नंबर पर नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) ने 75 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा पाक में 54 सीटों के साथ बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) तीसरे नंबर की पार्टी बनी। सेना की सहमति से शहबाज शरीफ को पीएम बनाए जाने को लेकर फैसला हुआ है। जिसके लिए नवाज शरीफ भी राजी हो गए हैं। सेना के कहने पर बिलावल और नवाज की पार्टी एक साथ आने के लिए भी तैयार दिखाई दे रहे हैं।

इमरान को मिला ऑफर

इस बीच पाकिस्तान अखबार 'द न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने इमरान खान को भी पीएम का पद का ऑफर दिया था। इसके लिए पूर्व पीएम इमरान खान को 9 मई को हुई हिंसा को लेकर मांफी मांगनी होगी। साथ ही, इमरान को यह भी वादा करना होगा कि वह सेना के खिलाफ अब कभी ऐसी घटना नहीं करेंगे। इसके अलावा उनको सेना के खिलाफ बयानबाजी भी नहीं करना होगा। हालांकि, इमरान खान ने यह डील मानने से साफ इनकार कर दिया है।

पाकिस्तान के पूर्व डिफेंस सेक्रेटरी नईम खालिद लोधी ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने दावा किया है कि सेना ने पूर्व पीएम इमरान खान से मुलाकात की। सेना ने इमरान को कहा है कि वे माने कि उन्होंने 9 मई की हिंसा की साजिश रची थी। साथ ही, उन्हें कहना होगा कि वे आगे से ऐसा नहीं करेंगे। इसके अलावा इमरान को अपनी पार्टी से उन लोगों को हटाना होगा, जिन पर हिंसा में शामिल होने के आरोप लगे हैं। लेकिन इमरान खान ने एक बार फिर सेना के सामने यह मानने से इनकार कर दिया है कि हिंसा में उनका कोई रोल था।

जानें पूरा मामला

साल 2022 के दौरान इमरान खान ने पाकिस्तान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। जिसमें इमरान को हार का सामना करना पड़ा और उनकी सरकार भी गिर गई। इसके बाद इमरान खान पर एक के बाद एक कई मुकदमे चले। उनकी गिरफ्तारी के दिन यानी पिछले साल 9 मई को पूरे पाकिस्तान में सेना और आम नागरिकों के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला। इस हिंसा के दौरान सेना के द्वारा प्रतिष्ठानों पर भी हमला बोला गया। तब से ही सेना के निशाने पर इमरान खान बने हुए हैं। हालांकि, देश में एक वर्ग ऐसा भी है जो इमरान को अभी पसंद कर रहा है। यहीं वजह है कि उनके द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी उतारे जाने के बाद भी उनके समर्थक बड़ी संख्या में चुनाव जीतकर नेशनल असेंबली पहुंचे हैं। 

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