सूरत संसदीय क्षेत्र: बीजेपी के निर्विरोध निर्वाचन संबंधी जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई का मामला टला- गुजरात हाईकोर्ट
- मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित
- जनहित याचिका या चुनावी याचिका
- जल्द सुनवाई से किया मना
डिजिटल डेस्क,अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जाने के खिलाफ एक मतदाता द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया। हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिसअनिरुद्ध पी माई ने मंगलवार को याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उन्हें जनहित याचिका के बजाय चुनाव याचिका दाखिल करनी चाहिए।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता, भावेशभाई पटेल, सूरत के निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदाता हैं, और प्रतिवादी भारतीय चुनाव आयोग ने पहले ही बिना चुनाव कराए बीजेपी उम्मीदवार को विजयी उम्मीदवार के रूप में प्रमाण पत्र दे दिया है। अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि मतदाताओं के लिए हमेशा नकारात्मक मतदान का विकल्प होता है जो इस मामले में नहीं दिया जा रहा है।
आपको बता दें 21 अप्रैल को सूरत सीट से कांग्रेस कैंडिडेट का नामांकन खारिज होने और बीएसपी प्रत्याशी समेत आठ अन्य उम्मीदवारों द्वारा अपना नामांकन फॉर्म वापस लेने के बाद दलाल को 22 अप्रैल को सूरत संसदीय सीट से निर्विरोध चुना गया था। सूरत में लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में गुजरात की अन्य 25 सीटों के साथ 7 मई को वोटिंग होनी है।
मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल ने कहा यह याचिका चुनाव याचिका के दायरे में आएगी न कि जनहित याचिका के दायरे में। चीफ जस्टिस ने आगे कहा यदि आप किसी भी कारण से किसी भी उम्मीदवार के चुनाव के संबंध में कोई विवाद कर रहे हैं, तो आपको चुनाव याचिका दायर करनी होगी। आप उस प्रक्रिया/प्रक्रिया में एक दोष को उजागर कर रहे हैं जिसके द्वारा एक उम्मीदवार को विजयी उम्मीदवार घोषित किया गया है। इसलिए, यह तर्क एक चुनाव याचिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा जब कोई वैधानिक उपाय है, तो जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।