बयान के मायने: सदन में पीएम मोदी के बयान को कैसे समझेंगे अखिलेश? क्या वाकई यूपी में परजीवी बनेगी कांग्रेस?

  • फ्रंटफुट पर खेल रही कांग्रेस
  • इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस के सहयोगी दलों कोपीएम की नसीहत
  • दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के बीच मजबूत हो रही है कांग्रेस

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-10 09:34 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी पीडीए यानि पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक समीकरण से लोकसभा चुनाव मैदान में उतरी थी। कांग्रेस भी दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को भुनाने में जुटी हुई है, चुनावी नतीजों से साफ झलकता है कि कांग्रेस भी इन वर्गों के वोटों के बीच मजबूत हो रही है। ऐसे में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सदन में दिया गया वक्तव्य इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के लिए सतर्क करने के संंदर्भ में सही साबित होता हुआ नजर आ रहा है। फ्रंटफुट पर खेल रही कांग्रेस से बीजेपी के बजाए अखिलेश को चिंता करने की जरूरत है।

कांग्रेस की मेहनत अखिलेश की चिंता बढ़ाएगी

कांग्रेस पिछड़े और दलित वोटों के लिए जिस तरह से मेहनत कर रही है वह दिन दूर नहीं है जब अखिलेश के लिए कांग्रेस चैलेंज के रूप में सामने होगी। कम से कम इतना तो होगा ही कि विधानसभा चुनावों में सीट शेयरिंग के समय कांग्रेस अब अखिलेश की मेहरबानी पर निर्भर नहीं रहेगी

यूपी में कांग्रेस परिजीवी-मोदी

दरअसल पीएम मोदी ने लोकसभा सदन में  कांग्रेस पर हमला बोलते हुए इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस के सहयोगी दलों को एक नसीहत दी थी, जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस के साथी दलों ने इस चुनाव  का विश्लेषण किया है या नहीं, पर ये चुनाव कांग्रेस के साथियों के लिए भी संदेश है। उन्होंने कहा था कांग्रेस पार्टी 2024 से एक परजीवी कांग्रेस पार्टी के रूप में जानी जाएगी। आपको बता दें परजीवी वह होता है जो जिस शरीर पर रहता है उसी को खाता है। कांग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है उसी के वोट खा जाती है। प्रधानमंत्री ने यह नसीहत क्यों दी ये तो बेहतर वो ही बेहतर बता सकेंगे। लेकिन पीएम मोदी की इंडिया में शामिल दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। उत्तर प्रदेश में दलित मतदाताओं के बीच सक्रिय हुई कांग्रेस और  समाजवादी पार्टी के पीडीए ( पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) का क्या होगा। वैसे आपको बता दें सपा चीफ अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के साथ हैं पर जिस तरह कांग्रेस दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के बीच मजबूत हो रही है उससे अखिलेश को सावधान और सतर्क होने की जरूरत है।

दलित मतदाताओं में पैठ बिठाने की प्लानिंग

आपको बता दें दलिच मतदाताओं को साधने के लिए कांग्रेस नेताओं ने दलित घरों में भोजन शुरु कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने देश के चौथे उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि के अवसर पर लखनऊ के खुर्रम नगर में एक दलित परिवार के यहां भोजन करके औपचारिक शुरुआत की। दरअसल 2024 के लोकसभा चुनावों में मिले दलित वोटों से कांग्रेस उत्साहित है। 

बसपा से पहले दलित वोटर्स कांग्रेस का कोर वोट बैंक हुआ करता था। कांशीराम ने बसपा की स्थापना कर बहुजन वोट को एकमुश्त करने की कोशिश की। जो कुछ समय में सही साबित हुई। बसपा ने कई बार यूपी में सरकार बनाई। अबकी लोकसभा चुनाव में दलित वोटर्स सपा -कांग्रेस की तरफ झुक गया। कांग्रेस को लगता है कि दलित वोट इंडिया गठबंधन में उनकी वजह से आया है। सपा को दलित वोट मिलने का श्रेय भी खुद कांग्रेस ही लेना चाहती है। कांग्रेस इस फिराक में है कि दलित मतदाता एक बार अगर उसके साथ आ गए तो फिर कुछ दशक तक वो उसके साथ बना रहेगा। 

आपको बता दें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा करने के बाद पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने एक प्लान तैयार किया है। राजेश लिलोठिया के प्लान के मुताबिक कांग्रेस की इस मुहिम को देश के दूर-दराज के गांवों तक पहुंचाने की पुरजोर कोशिश करेगी। इस अभियान के तहत अभी तक गांवों में करीब 4 लाख संविधान रक्षक नियुक्त किए गए हैं। जिसमें हर गांव में एक महिला और एक पुरुष को जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस जल्द ही हर गांव में संविधान रक्षक ग्राम समिति का गठन करेगी। साथ ही इसी तर्ज पर शहरी इलाकों में भी संविधान रक्षक और फिर संविधान रक्षक वार्ड समिति का गठन किया जाएगा।

निजी न्यूज चैनल आज तक ने लिखा है कि पीएम मोदी ने कहा था कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 26 प्रतिशत है। कांग्रेस पार्टी अपनी सहयोगी पार्टी की कीमत पर फलती-फूलती है। इसलिए कांग्रेस परजीवी कांग्रेस बन चुकी है। पीएम कहते हैं कि परजीवी कहने के लिए कुछ आंकड़े रख रहा हूं। जहां-जहां बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला था या जहां कांग्रेस बड़ी पार्टी थी वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 26 प्रतिशत है। लेकिन जहां किसी का पल्लू पकड़कर चले, जहां वो जूनियर पार्टनर थे और किसी दल ने उनको कुछ दे दिया, वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 50 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की 99 सीटों में से ज्यादातर सीटें उनके सहयोगियों ने उनको जिताया है। इसलिए मैं कहता हूं कि ये परजीवी कांग्रेस है। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कही ये बात सैद्धांतिक तौर पर तो नहीं पर व्यवहारिक तौर पर बिल्कुल फिट बैठती है।

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दलित- पिछड़े वोटों को अपने पाले में करने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। राहुल गांधी ने लोकसभा महिला आरक्षण वाले कानून पर बहस के दौरान में पिछड़ी जातियों के समर्थन में जमकर बोला था। गांधी ने इस दौरान पिछड़ों को रिप्रजेंटेशन न देने पर मोदी सरकार को घेरा था। राहुल लगातार पिछड़ों की आवाज बुलंद कर रहे हैं। कांग्रेस के मेनिफेस्टो में जातिगत जनगणना कराने और आरक्षण की 50 परसेंट वाली सीमा को समाप्त करने का वादा किया गया है।


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