विधानसभा चुनाव नतीजे 2023: एक दशक में कैसे गिरा कांग्रेस की जीत का ग्राफ? जानिए 2014 से अब तक पार्टी कितनी बार हारी चुनाव
- साल दर साल कांग्रेस का हाल बेहाल
- 2014 से अब तक कांग्रेस ने 14 राज्यों में ही जीत दर्ज कर पाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में पाचं राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त जीत हासिल की लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का हाल इस चुनाव में कुछ खास नहीं रहा। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया है खास कर मध्य प्रदेश में, क्योंकि पार्टी को विश्वास था कि इस बार एमपी की सत्ता उसके हाथ में आएगी लेकिन चुनाव नतीजे ने पूरा पासा ही बदल दिया। हाल में हुए चुनाव कांग्रेस के लिए सुखद नहीं रहा क्योंकि लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना बेहद जरूरी है लेकिन साल दर साल कांग्रेस कमजोर होती हुई दिखाई दे रही है। कांग्रेस एक राज्य में बेहतर करती है तो दो राज्यों में उसे मुंह की खानी पड़ती है। कुछ ऐसा ही इस बार भी देखने को मिला। कांग्रेस की सरकार राजस्थान और छत्तीसगढ़ में था लेकिन इन चुनाव में उसके हाथ से दोनों राज्य निकल गए। हालांकि, पार्टी ने दक्षिण राज्य तेलंगाना में जीत दर्ज की है जहां सरकार बनाने की कवायद चल रही है। पर सवाल वही है कि कांग्रेस का परफॉर्मेंस साल दर साल खराब क्यों होता जा रहा है। तो चलिए आपको साल 2014 से कुछ आंकड़े बताते हैं जिस पर कांग्रेस को गौर करना चाहिए।
2014 से बिगड़ी कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस की स्थिति साल 2014 से ही बिगड़ी हुई है। जिसकी शुरुआत लोकसभा चुनाव से होती है। तब कांग्रेस को महज 44 सीटों पर जीत मिली थी। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद अब तक देश में 57 विधानसभा चुनाव हुए हैं। जिनमें से कांग्रेस महज 14 राज्यों में ही जीत हासिल कर पाई है।
बता दें कि, साल 2014 में आठ राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। इनमें महाराष्ट्र, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड और सिक्किम शामिल थे। जिनमें से कांग्रेस सिर्फ अरुणाचल प्रदेश के 60 सीटों में से 42 सीटों पर जीत कर सरकार बनाई, लेकिन जुलाई 2016 में मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत 33 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए और कांग्रेस की सरकार गिर गई।
2015 में कांग्रेस का हाल बेहाल
लोकसभा चुनाव के अगले साल ही दिल्ली और बिहार में विधानसभा के चुनाव हुए। इसमें भी कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का सूफड़ा साफ कर जीरो पर ला दिया। कांग्रेस राजधानी की 70 विधानसभा सीटों में से एक भी पर जीत हासिल नहीं कर पाई। पार्टी के कई बड़े नेता हार गए थे। वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजद और जेडीयू के साथ मिलकर 47 सीटों पर चुनाव लड़ा। जिसमें से उसे 27 सीटों पर जीत मिली। इसके बाद यहां तीनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई। दो सालों तक सरकार चलाने के बाद जुलाई 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन का दामन छोड़ बीजेपी के साथ आ गए और सरकार चलाने लगे।
2016 में क्या रही कांग्रेस स्थिति?
साल 2016 कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान रहा। इस साल पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हुए। लेकिन कांग्रेस के हाथ में फिर से निराशा ही लगी। बकायदा कांग्रेस को असम और केरल की सत्ता अपने हाथों से गंवानी पड़ी। इस चुनाव में कांग्रेस केवल पुडुचेरी में ही जीत दर्ज कर पाई थी।
2016 से ज्यादा 2017 में बुरा हाल
इस साल गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव हुए। इन 7 राज्यों में से कांग्रेस के पास हिमाचल और मणिपुर की सत्ता हाथ में थी लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस ने दोनों खो दिए। हालांकि, पार्टी ने गोवा में बीजेपी से ज्यादा सीटें जीती थी लेकिन सरकार नहीं बना पाई थी। कांग्रेस के लिए सिर्फ पंजाब से अच्छी खबर रही वहां पार्टी ने शानदार जीत दर्ज कर सरकार बना ली।
2018 में कांग्रेस का हाल
साल 2018 में पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम और मेघालय में विधानसभा चुनाव हुए। इन चारों राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। पार्टी ने किसी भी स्टेट में जीत कर सरकार नहीं बना पाई। इसके बाद दक्षिण राज्य कर्नाटक में चुनाव हुए और अच्छे-खासे सीटों से जीत भी हासिल हुई और सरकार बनाने के लिए जनता दल (सेक्युलर) का सहयोग भी लिया लेकिन बागियों की वजह से यहां सरकार गिर गई और बीजेपी ने मौके को देखते हुए दक्षिण राज्य में सरकार बना ली। मई के बाद दिसंबर के महीने में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हुए। यह चुनाव कांग्रेस के लिए अच्छा रहा था क्योंकि पार्टी ने तेलंगाना को छोड़ तीनों हिंदी भाषी राज्यों में जीत हासिल कर सरकार बना ली। वहीं तेलंगाना में बीआरएस को दुबारा बहुमत मिला था। लेकिन एमपी में 13 महीने के बाद तत्कालिन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी से बगावत कर अपने साथियों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। जिसकी वजह से कांग्रेस की सरकार गिर गई और बीजेपी ने प्रदेश में अपनी सरकार बना ली।
फिर से आम चुनाव में स्थिति बिगड़ी
साल 2019 में लोकसभा चुनाव हुए। इसमें भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। कांग्रेस ने इस चुनाव में महज 52 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई। आम चुनाव के बाद आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव हुए। इनमें भी सिर्फ झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन की मदद से सरकार बना पाई थी।
2015 वाला किस्सा 2020 में कांग्रेस ने फिर दोहराया
साल 2020 में कांग्रेस ने पूरे दमखम के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन आप ने एक बार फिर से 2015 की तरह कांग्रेस का सूफड़ा साफ कर दिया। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। वहीं बिहार में कांग्रेस ने आरजेडी के साथ गठबंधन तो किया लेकिन कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। जिससे गठबंधन को सरकार बनाने में फायदा हो।
2021 में चार राज्यों में करारी शिकस्त
इस वर्ष देश के चार राज्यों ( तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, केरल) और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में चुनाव हुए। जिनमें से कांग्रेस को चार राज्यों में करारी शिकस्त मिली। पार्टी केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में अपनी सरकार को नहीं बचा पाई। तमिलनाडु में द्रमुक और अन्य दलों से गठबंधन के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई।
2022 में कांग्रेस से आप ने छीना पंजाब
इस साल हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में चुनाव हुए। इनमें से हिमाचल प्रदेश में ही कांग्रेस सरकार बना पाई, बाकी हर जगह पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को करारी शिकस्त देकर पंजाब की सत्ता भी उसे छीन लिया।
2023 तो कांग्रेस के लिए बना बड़ा मुसीबत
इस साल मई में कर्नाटक में चुनाव हुए, जहां कांग्रेस ने बीजेपी को शानदार वोटों प्रतिशत के साथ हरा कर जीत दर्ज की लेकिन नवंबर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव हुए, पर पार्टी ने सिर्फ तेलंगाना में ही जीत दर्ज कर पाई। पहले से मौजूद दो राज्यों ( राजस्थान, छत्तीसगढ़) में रही सरकार को भी कांग्रेस ने गंवा दिया।