हिमाचल प्रदेश: हाईकोर्ट ने आशीष शर्मा और राकेश शर्मा को 26 अप्रैल तक अग्रिम जमानत दी
- राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग
- उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत 26 अप्रैल तक बढ़ाई
- आरोपियों ने प्राथमिकी को रद्द करवाने के लिए एक नई अर्जी दाखिल की
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा की अंतरिम अग्रिम जमानत 26 अप्रैल तक बढ़ा दी। दोनों के खिलाफ पुलिस ने चुनावी अपराध और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया है।
आशीष और अब गगरेट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार चैतन्य उन नौ विधायकों में हैं, जिन्होंने हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। इनमें छह कांग्रेस के और तीन निर्दलीय विधायक हैं और बाद में सभी भाजपा में शामिल हो गए।
एक निजी न्यूज चैनल ने सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के हवाले से लिखा है, महाधिवक्ता अनूप रतन ने सोमवार को बताया कि उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत 26 अप्रैल तक बढ़ा दी है और उन्हें जांच में शामिल होने और बुलाए जाने पर जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
रतन ने सेवानिवृत्त नौकरशाह राकेश शर्मा को लेकर कहा कि हमने अपनी स्थिति रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि वे अदालत के आदेशों के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुए और जब पुलिस के सामने उपस्थित होने के लिए कहा गया तो उन्होंने जांच अधिकारी को धमकी दी।
रतन ने बताया कि इस बीच दोनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करवाने के लिए एक नई अर्जी दाखिल कर थी। इस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हए राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है और मामले की सुनवाई 26 अप्रैल के लिए टाल दी।
आपको बता दें पिछले महीने शिमला पुलिस ने इन दोनों और अन्य विधायकों के खिलाफ ‘इलेक्शन क्राइम , रिश्वतखोरी और हाल के राज्यसभा चुनाव से संबंधित आपराधिक साजिश को लेकर मामला दर्ज किया था। इस एफआईआर में कांग्रेस के उन छह विधायकों के नाम भी हैं जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की।