ओवैसी का मस्जिद को लेकर बड़ा बयान: बोले - 'मस्जिद तुम्हारे बाप की जायदाद है? एक मस्जिद खो दी अब और कोई नहीं खोएंगे', यूसीसी पर भी उठाए सवाल

  • बीजेपी पर फिर हमलावर हुए ओवैसी
  • यूसीसी को लेकर साधा निशाना
  • मस्जिद को लेकर कही ये बात

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-26 16:23 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मस्जिद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, मुस्लिम एक मस्जिद खो चुके अब दूसरी नहीं खोएंगे। 1 मिनट 31 सेकेंड्स लंबे वीडियो में सांसद ने कहा, 'मस्जिद तुम्हारे बाप की जायदाद है? एक मस्जिद खो दी है। अब और कोई मस्जिद नहीं खोएंगे. इंशाअल्लाह'। इसी के साथ उन्होंने बीजेपी नेताओं पर भी हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि तुम अपने घरों का सौदा कर लो, लेकिन मस्जिद अल्लाह का घर है जिस पर कोई सौदा नहीं हो सकता।

एआईएमआईएम के चीफ ने समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी पर गरमाई देश की सियासत पर भी कई बड़े सवाल खड़े किए। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये ऐसे लोगों को तैयार कर रहे हैं जिन्हें शरीयत के बारे में जरा भी नहीं मालूम। ओवेसी ने कहा, "वे हमसे शरियत को छीनना चाहते हैं।" इसके साथ ही ओवैसी ने असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा पर भी निशाना साधा है।"

असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह तेलंगाना और हैदराबाद का दौरा कर रहे हैं जबकि उन्हें सबसे पहले अपने राज्य के हालात ठीक करना चाहिए। मुस्लिम मैरेज एक्ट के बारे में बात करते हुए सांसद ने कहा कि मोदी जी,मेरी बहनें मेरी बहनें कहते हैं फिर बहनों को मेहर नहीं मिलना क्या? उन्होंने पूछा कि अगर शादी स्पेशल मैरेज ऐक्ट की तारीख से होगी तो जायदाद का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की तरफ से नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उनकी चाहत हमसे हमारी शरीयत छीनने की है।

ओवैसी ने आगे कहा है कि जो लोग यूसीसी लागू करने की बात करते हैं, उन्हें उसका फुल फॉर्म भी नहीं पता है। उन्होंने यूसीसी लागू करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब हर राज्य अपना कानून ला रहा है तो फिर यूसीसी लागू करने की क्या आवाश्यकता है? बता दें कि समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को लेकर ओवैसी बीजेपी पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। हाल ही में बीजेपी शासित राज्य उतराखंड के बाद असम ने इसे लागू करने की तरफ कदम बढ़ाया है। यहां की सरकार ने हाल ही में मुस्लिम विवाह और तलाक अधिनियम को निरस्त करने की मंजूरी दे दी है जो कि यूसीसी लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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