खतरे में गठबंधन?: हरियाणा में मिली हार के बाद क्या महाराष्ट्र में टूटेगा महाअघाड़ी मोर्चा? कांग्रेस नेता नाना पटोले के बयान के क्या मायने
- हरियाणा चुनावी नतीजों का महाराष्ट्र पर कोई असर नहीं होगा-कांग्रेस नेता
- महाराष्ट्र में नई सरकार लाने को तैयार जनता
- कांग्रेस नेता नाना पटोले के बयान के क्या है मायने ?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा में जीत की आस लगाए बैठी कांग्रेस को चुनावी नतीजों में हार मिली। आगामी महीनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव होने वाले है। महाराष्ट्र में चुनावी सीटों और रणनीति को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के बयान के अलग अलग मायने निकाले जा रहे है। आपको बता दें कि 288 सीटों वाले महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
उससे पहले एमवीए गठबंधन में शामिल दलों के बीच हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद तमाम तरह की चर्चाएं शुरु हो गई है। उनमें से एक गठबंधन में कांग्रेस शामिल होगा या नहीं, क्या शिवेसना यूबीटी और एनसीपी एसपी कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगे। कांग्रेस नेताओं के अकेले दम पर सीटों पर चुनाव लड़ने की बात ने एमवीए में शामिल दलों को कुछ संकेत दिया है। अब देखना ये है कि एलांयस में शामिल दल कांग्रेस को कितना तवज्जों देगी।
हरियाणा चुनावी नतीजों को लेकर कांग्रेस नेता पटोले ने कहा है कि उसका असर महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स पर नहीं पड़ेगा, इसके पीछे की वजह बताते हुए पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा दोनों ही राज्यों का राजनीतिक परिदृश्य बिल्कुल अलग- अलग है। महाराष्ट्र में हमारी तैयारी मजबूत है। यहीं नहीं पटोले ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस 110 से 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पटोले के सीट वाले बयान के अलग अलग मायने निकाले जा रहे है। नाना पटोले ने ये बयान देकर प्रदेश में गठबंधन में शामिल एनसीपी शरद पवार और शिवसेना यूबीटी को संकेत दिया है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस को 110 से 115 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने भी कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजों का महाराष्ट्र में कोई असर नहीं होगा। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस का मनोबल नहीं टूटा है। महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी (एमवीए) एकजुट होकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को हराएगी।