उमरिया में धरना-प्रदर्शन: हिंसक हुआ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का ‘उमरिया बंद’, लाठीचार्ज के विरोध में हमला, एएसपी तथा टीआई सहित 21 पुलिसकर्मी घायल

  • कॉलेज परिसर तथा कलेक्टोरेट के आसपास जा छिपे प्रदर्शनकारी
  • प्रदर्शनकारी नहीं लगे पुलिस के हाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-26 15:52 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश की जनजातीय कार्यमंत्री मीनासिंह के कथित भ्रष्टाचार की जांच, बिजली सहित अन्य जनसमस्याओं और जल, जंगल व जमीन पर अधिकार की मांग को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) का ‘उमरिया बंद’ प्रदर्शन मंगलवार शाम करीब 4 बजे हिंसक हो गया। धरना-प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज व जवाबी पथराव में एएसपी तथा टीआई सहित 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। तीन पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर है, उन्हें जबलपुर रेफर किया गया गया है। पानी की बौछार कर धरना स्थल से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी समीपी कॉलेज परिसर तथा कलेक्टोरेट के आसपास जा छिपे। आंदोलन हिंसक होने की सूचना मिलते ही कलेक्टर बुद्धेश वैद्य, एसपी निविदिता नायडू, एसडीओपी तथा एसडीएम मौके पर पहुंचे। शहर में इधर-उधर छिपे प्रदर्शनकारियों को ढूंढने शहडोल से अतिरक्त पुलिस फोर्स मंगाया गया है। फिलहाल पुलिस के हाथ एक भी प्रदर्शनकारी नहीं लगा है। इससे शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इधर भोपाल से गोंगपा के प्रदेश अध्यक्ष अमन सिंह पोर्त ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए इस घटना को प्रशासन की चूक बताते हुए इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा, बिजली सहित अन्य जनसमस्याओं को लेकर वहां प्रशासन को हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार ज्ञापन भी दिए गए लेकिन समस्या का समाधान नहीं होने पर ही आज (मंगलवार) उमरिया में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी दौरान किसी पुलिसकर्मी द्वारा प्रदर्शनकारियों को उकसाया गया, जिससे इस तरह की स्थिति निर्मित हुई।

ऐसे बिगड़ी बात

गोंगपा के प्रदेश प्रवक्ता राधेश्याम काकौडिय़ा के नेतृत्व में गोंगपा के करीब तीन सौ कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे से स्टेशन के पास स्थित रानीदुर्गावती चौराहे पर धरने पर बैठे थे। पार्टी ने अपनी मांगों को लेकर उमरिया बंद का भी आव्हान किया था। करीब चार घंटे के धरने के बाद प्रदर्शनकारी शाम को रैली के रूप में शहर के अंदर जाना चाह रहे थे। पुलिस उन्हें धरना स्थल से आगे नहीं जाने दे रही थी। इसी दौरान पुलिस वालों की धरना-प्रद्रर्शन की अगुआई कर रहे राधेश्याम काकौडिय़ा से कहासुनी हो गई। बताया जाता है कि इसी दौरान पुलिस वालों ने काकोडिय़ा के साथ मौजूद कुछ लोगों को मार दिया। इससे प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो आगे बढ़े। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। प्रदर्शनकारियों को खदेडऩे अश्रु गैस के गोले छोड़े तथा पानी की बौछार कराई। इस दोहरे-तिहरे हमले के चलते प्रदर्शनकारी इधर-उधर भाग खड़े हुए।

आक्रामक रूख अपनाया

लाठीचार्ज में बच्चों और महिलाओं के भी शिकार होने तथा अपने नेता को पुलिस द्वारा पीटे जाने से आक्रोशित प्रदर्शनकारी समूह के रूप में एकत्र हो आगे बढ़े और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। फायर ब्रिगेड सहित अन्य वाहनों में भी तोडफ़ोड़ की। कई दो पहिया व चार पहिया वाहनों को भी पथराव से नुकसान पहुंचा। प्रदर्शनकारी हाथ में जो आया लाठी, डंडा, फावड़ा, बोतल, पत्थर लेकर पुलिस पर बरसाने लगे। इस विरोधी हमले में एएसपी प्रतिपाल सिंह, सिविल लाइन चौकी प्रभारी अमरबहादुर, टीआई नौरोजाबाद अरूणा द्विवेदी, टीआई चंदिया सहित एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। कुछ ने इधर-उधर छिप कर जान बचाई। इस घटना में कितने प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं, यह सामने नहीं आया है, क्योंकि पुलिसकर्मियों को छोड़ कोई अन्य घायल अस्पताल नहीं पहुंचा है।

हमले के बाद भाग कर छिपे

प्रदर्शनकारियों के इस जवाबी हमले से जब तक पुलिस संभलती सभी कार्यकर्ता वहां से भागकर समीपी कॉलेज परिसर तथा कलेक्टोरेट की ओर बढ़े। इसी दौरान पुलिस को अपनी तरफ आता देख प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो छिप गए। इन्हें ढूंढने तथा स्थिति को नियंत्रित करने शहर में जिलेभर की फोर्स तैनात कर दी गई है। एडीजीपी शहडोल डीसी सागर ने उमरिया पहुंचकर घायल पुलिसकर्मियों का हाल जाना। गंभीर रूप से घायल एएसपी प्रतिपाल सिंह, सिविल लाइन चौकी प्रभारी अमरबहादुर तथा एएसआई रामकृष्ण साहू को रात में जबलपुर रेफर किया गया है।

Tags:    

Similar News