बिहार सियासत: पहले तेजस्वी और अब लालू यादव नीतीश कुमार पर पड़े नरम, क्या हैं इसके सियासी मायने?
- तेजस्वी यादव और लालू यादव नीतीश कुमार पर पड़े नरम
- महागठबंधन में नीतीश कुमार को शामिल करने की कवायद हुई तेज
- लगातार विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर नरम बयान दिए जा रहे हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन छोड़े करीब तीन सप्ताह बीत चुका है। लेकिन आरेजडी सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार को एक बार फिर महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे रहे हैं। शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए तो हमारे दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। अगर वे आएंगे तो हम देखेंगे।
इधर, तेजस्वी यादव के भी बयान नीतीश कुमार को लेकर नरम ही दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा खुले ही रहते हैं। बता दें कि, इससे पहले गुरुवार को बिहार विधानसभा के बाहर लालू यादव और नीतीश कुमार गर्मजोशी के साथ मिलते हुए दिखाई दिए।
दरअसल, लालू यादव मनोज झा और संजय यादव के सपोर्ट में राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कराने के लिए बिहार विधानसभा पहुंचे थे। बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान तेजस्वी यादव ने सदन में नीतीश कुमार को कहा था कि उधर दिक्कत हो तो हम लोग हैं। तेजस्वी यादव ने अपने भाषण कहा था कि पता नहीं वे क्यों चले गए।
हाल ही में एनडीए ज्वाइन किए हैं नीतीश कुमार
गौरतलब है कि नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने की वजह से आरजेडी को बड़ा झटका लगा है। राज्य में अब उनकी सरकार नहीं है। साथ ही, जिस खेला की बात तेजस्वी यादव कर रहे थे। वह खेला उन पर उल्टा हो गया है। 12 फरवरी को बिहार में फ्लोर टेस्ट हुआ। इस दौरान तेजस्वी के खेमे के तीन विधायक नीतीश कुमार के पक्ष में वोट किया। इस बीच लालू यादव के इस ऑफर से बयानबाजी होना तय माना जा रहा है।