महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव: वोटिंग से पहले फिर रिजॉर्ट पॉलीटिक्स! महाअघाड़ी - महायुति दोनों को क्रॉस वोटिंग का डर, एक्शन मोड में फडणवीस

  • महाराष्ट्र में 12 जुलाई को विधान परिषद चुनाव
  • राज्य में रिजॉर्ट पॉलीटिक्स की अटकलें तेज
  • महायुति और एमवीए को सताया क्रॉस वोटिंग का डर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-09 13:00 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में 12 जुलाई को विधान परिषद का चुनाव होना है। इस बार के चुनाव में खास बात यह है कि विधान परिषद की कुल 11 सीटों पर 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इस वजह से चुनाव में क्रॉस वोटिंग की अटकलें तेज हैं। इस बीच विपक्षी दलों के महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने इस सियासी खतरे को पहले ही भांप लिया है। इसे देखते हुए विपक्ष वोटिंग से पहले अपने विधायकों को एनडीए के संपर्क में आने से रोकने के लिए उन्हें रिजॉर्ट में शिफ्ट कर सकती है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार की एनसीपी के विधायकों को होटलों में शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है। उद्धव गुट वाली शिवसेना के विधायकों को चुनाव से पहले साथ रहने पर आग्रह किया जा सकता है।

विधायकों को शिफ्ट करने की तैयारियां तेज 
इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और डिप्टी सीएम अजीत पवार की एनसीपी के विधायकों को एक होटल में शिफ्ट करने की योजना बनाई जा सकती है। राजनीतिक पार्टियों के ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य चुनाव से पहले हॉर्स ट्रेडिंग से बचाव करना है। राज्य में सियासी दलों को अपने-अपने विधायकों के समर्थन को खोने का भय साफ नजर आ रहा है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में 48 सीटों में से एनडीए ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद अब कुछ नेताओं का मन बदलता नजर आ रहा है। जिसके चलते आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कई विधायक दल बदल का दांव आजमा सकते हैं। यही कारण है कि एनडीए और एमवीए अपने-अपने विधायकों को लेकर सतर्कता बरतते नजर आ रहे हैं।

महायुति गठबंधन की बैठक

हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने बैठक की थी। इस दौरान महायुति गठबंधन के नेताओं ने संयुक्त रणनीति पर मंथन किया। इसके साथ-साथ वोटिंग पैटर्न को तय करने पर भी जोर दिया गया है। इस मीटिंग में इस बार पर मुहर लगाई गई कि तीनों दलों को प्रथम और द्वितीय वरीयता के वोट कैसे प्राप्त होंगे। साल 2022 की बात करें तो राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। उस दौरान भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मोर्चा संभाला था। ऐसे में एक बार फिर से राज्य में फडणवीस को नेतृत्व करने का मौका दिया गया है। 

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