चुनावी दौरे: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का ग्वालियर दौरा
- चुनावी साल और चुनावी दौरे
- प्रियंका गांधी का चंबल- ग्वालियर दौरा
- कांग्रेस के लिए अहम है , सिंधिया गढ़
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ग्वालियर पहुॅच गई। गांधी ने सबसे पहले रानी लक्ष्मी बाई के समाधि स्थल पर पहुॅचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रियंका गांधी नई दिल्ली से वायुयान से ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंची। एयरपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के अलावा तमाम नेताओं ने उनकी अगवानी की।
प्रियंका गांधी ने जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर घोटालों के आरोप लगाए। उन्होंने 18 साल की सरकार को अहंकारी बताया। गांधी ने बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस गारंटी लेकर आई है, जिन्हें पूरी तरह से निभाया जा रहा है। प्रियंका ने कहा कांग्रेस के सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन लागू होगी, महिलाओं को 1500 रूपए मिलेंगे। 500 रूपए का सिलेंडर मिलेगा। किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा। गांधी ने कमलनाथ से सरकार में आने पर दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने को कहा।
मध्यप्रदेश में साल के अंतिम महीनों में विधानसभा चुनाव होने है, राजनैतिक दल पार्टी पक्ष में भीड़ और समर्थन जुटाने के लिए जोर शोर से प्रचार प्रसार में जुटे हुए है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी आज प्रदेश के चंबल ग्वालियर पहुंची। चुनावी नजरिए से प्रियंका के इस दौरे को बेहद खास माना जा रहा है। प्रियंका गांधी इससे पहले प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर का दौरा कर चुकी है। आज 11 बजे प्रियंका गांधी ग्वालियर पहुंच रही है।
गांधी के ग्वालियर दौरे को इसलिए खास माना जा रहा है कि क्योंकि इससे पहले 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबला भारी बढ़त मिली थी, लेकिन तब जीत का श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिला था। करीब 15 माह चली कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से नाराज होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थित विधायकों के साथ कांग्रेस के हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। ग्वालियर-चंबल अंचल में 34 सीट है। इसमें से सात सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। अन्य सीटों पर एससी मतदाता निर्णायक भूमिका में होते है।
मध्य प्रदेश में सत्ता की चाबी कहे जाने वाले ग्वालियर चंबल अंचल की 34 सीटों में 45 फीसदी से ज्यादा युवा वोटर है। और ये वोटर ही चुनाव में निर्णायक भूमिका में होगा। 2018 विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल की 34 में से 26 सीटें कांग्रेस और 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी, वहीं एक सीट पर बीएसपी ने बाजी मारी थी। लेकिन 2020 में सिंधिया खेमे के विधायकों के दल बदलने के बाद हुए उपचुनाव के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियो के पास 17- 17 सीटें हो गई हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों ही पार्टियां ग्वालियर चंबल अंचल में बढ़त पाकर प्रदेश की सत्ता तक पहुंचने की कवायद में जुटी है। ऐसे में 45 फीसदी युवा निर्णायक भूमिका में होगा।
अब सिंधिया बीजेपी में है, और बीजेपी चंबल -ग्वालियर में कमजोर स्थिति में है। इसे इस बात से समझ सकते है, ग्वालियर और मुरैना नगर निगम चुनावों में दोनों मेयर सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। प्रियंका गांधी की जन आक्रोश रैली से कांग्रेस ग्वालियर चंबल में अपने पैर मजबूत करने के लिए अति उत्साहित है।
करीब 40 के भीतर प्रियंका गांधी का मध्यप्रदेश में दूसरा दौरा है। ग्वालियर चंबल सिंधिया का गढ़ है। प्रियंका और सिंधिया को एक साथ कांग्रेस पार्टी ने महासचिव बनाया था, साथ ही दोनों को 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश की कमान सौंपी थी, लेकिन मार्च 2020 में सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। प्रियंका गांधी की यात्रा को लेकर चंबल और ग्वालियर की सड़कें और दीवारें पोस्टर बैनरों से पटी पड़ी हुई हैं। गांधी अपने ग्वालियर दौरे से एक खास राजनीतिक संदेश देने की कोशिश करेंगी। साथ ही बीजेपी और प्रदेश सरकार पर निशाना साधेंगी।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने चुनावी तैयारियों को लेकर अपने वरिष्ठ नेताओं की एक के बाद एक रैली आयोजित करने की प्लानिंग कर ली है। आज प्रियंका गांधी के दौरे के बाद 8 अगस्त को शहडोल में राहुल गांधी की रैली और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की 13 अगस्त को सागर में रैली प्रस्तावित है।