लोकसभा चुनाव 2024: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने की एनआईए जांच की सिफारिश,आप ने लगाया षड्यंत्र का आरोप
- भुल्लर की रिहाई की सिफारिश
- खालिस्तान समर्थकों को बढ़ावा देने का आरोप
- विश्व हिंदू महासंघ ने की थी शिकायत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एनआईए जांच की सिफारिश की है। उपराज्यपाल ने ये सिफारिश प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन "सिख फॉर जस्टिस" से राजनीतिक धन प्राप्त करने के मामले की जांच के लिए की है। सीएम केजरीवाल पर खालिस्तान समर्थकों को बढ़ावा देने का भी आरोप है।
खबरों के मुताबिक दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को यह शिकायत मिली थी कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी को देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई और खालिस्तान समर्थकों को बढ़ावा देने के लिए 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए गए हैं। एक मुख्यमंत्री के खिलाफ मिली शिकायत और एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन से प्राप्त डोनेशन का मामला होने के कारण इसकी गहन जांच (इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच ) की जरूरत है। शिकायत विश्व हिंदू महासंघ की ओर से की गई।
विश्व हिंदू महासंघ ने अपनी शिकायत में अरविंद केजरीवाल सरकार और उसकी पार्टी पर देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई और खालिस्तान समर्थक भावनाओं को भड़काने के लिए खालिस्तानी आतंकी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिलने का आरोप लगाया है। विश्व हिंदू महासंघ शिकायत के आधार पर एलजी ने एनआईए जांच की सिफारिश की है।
एलजी की एनआईए जांच की सिफारिश पर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल साहब बीजेपी के एजेंट हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि CM केजरीवाल के खिलाफ एक और बड़ा षड्यंत्र किया जा रहा है। यह षड्यंत्र भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर किया जा रहा है। भारद्वाज ने आगे कहा कि भाजपा दिल्ली में सातों संसदीय सीट हार रही है। हार के डर बीजेपी बौखला गई है और इस तरह का षड्यंत्र कर रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी ने ऐसी ही साजिश की थी।
एलजी ने अपनी सिफारिश में केजरीवाल द्वारा इकबाल सिंह को जनवरी 2014 में लिखी एक चिट्ठी का जिक्र किया गया है। आप सरकार ने पहले भी राष्ट्रपति से भुल्लर की रिहाई की सिफारिश की है। भुल्लर की रिहाई की मांग को लेकर इकबाल सिंह जंतर मंतर पर अनशन पर बैठे थे। केजरीवाल की चिट्ठी मिलने के बाद उन्होंने अपना अनशन तोड़ दिया था।