दिल्ली में जल संकट: आम आदमी पार्टी पर बरसे दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना, पानी की कमी पर राजनीति करने का लगाया आरोप

  • पानी की कमी पर राजनीति करने का एलजी ने लगाया आरोप
  • आम आदमी पार्टी पर बरसे दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना
  • तीखी नोकझोक संदिग्ध- राज्यपाल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-22 14:43 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में जल संकट जारी है। लाख कोशिशों के बावजूद भी दिल्लीवासियों को जरुरत के हिसाब से पानी नहीं मिल रही है। इधर, दिल्ली सरकार लगातार हरियाणा की बीजेपी सरकार पर पानी नहीं छोड़ने का आरोप लगा रही है। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी भी अनिश्चितकाल के लिए अनशन पर बैठी हुई हैं। उनका कहना है कि जब तक हरियाणा दिल्लीवासियों के लिए और पानी नहीं छोड़ता, तब तक वह कुछ नहीं खाएंगी। इस बीच दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना ने जल संकट को लेकर बड़ा बयान दिया है।

तीखी नोकझोक संदिग्ध- राज्यपाल

आम आदमी पार्टी का नाम लिए बिना राज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में पानी की सप्लाई चुनौती बन गई है। इस पर पिछले कुछ हफ्तों में जीएनसीटीडी के मंत्रियों की तीखी बातचीत विभिन्न स्तरों पर चिंताजनक और संदिग्ध रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के नेताओं का एकमात्र मकसद राजनीतिक फायदा हासिल करने का है। दिल्ली के नेताओं ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के मकसद से इस संकट को अवसर में तब्दील कर दिया है। ताकि पड़ोसी राज्यों पर इसका ठीकरा फोड़ा जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली पीने के पानी की सप्लाई के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा पर निर्भर है। अंतरराज्यीय जल-बंटवारे की व्यवस्था जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की तरफ से बनाए गए संस्थागत तंत्र के माध्यम से तय की जाती है। जिसे देश की सर्वोच्च अदालत ने बार-बार बरकरार रखा है। इस व्यवस्था के चलते हुए समझौते के तहत राज्य पानी छोड़ने के लिए बाध्य हैं। इसी तरह शहरी सरकार भी यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि शहर भर में समान मात्रा में पानी की सप्लाई हो और इस जल संसाधन का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा सके।

पानी कमी पर अतिशी का बयान

इधर, 'आप' सरकार में जल मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में पानी की कमी बरकरार है। आज भी 28 लाख दिल्ली वालों को पानी नहीं मिल रहा। हर संभव प्रयास के बाद भी हरियाणा सरकार दिल्ली को पूरा पानी नहीं दे रही। महात्मा गांधी ने सिखाया है कि अगर अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना हो, तो सत्याग्रह का रास्ता अपनाना होगा। इसलिए ‘पानी सत्याग्रह’ करुंगी। जब तक दिल्ली वालों को हरियाणा से अपने हक का पानी नहीं मिलेगा, तब तक अनशन पर रहूंगी।

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