राजस्थान भाजपा में जारी है घमासान, पूनिया को तवज्जो देने से पार्टी के कई दिग्गज नेता परेशान

राजस्थान भाजपा में जारी है घमासान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-25 16:22 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में इस वर्ष के अंत तक विधानसभा का चुनाव होना है, भाजपा इस चुनाव में अशोक गहलोत सरकार को हराने के लिए जोर-शोर से बड़े पैमाने पर तैयारियों में जुटी है। लेकिन, पार्टी के अंदर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।

भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ सितंबर महीने में प्रदेश के चार अलग-अलग प्रमुख धार्मिक स्थलों से चार अलग-अलग परिवर्तन यात्राएं निकालने का फैसला किया है। इन चारों यात्राओं का समापन 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के साथ जयपुर में होना है। पार्टी ने अपनी चौथी परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को दी है। गडकरी 5 सितंबर को हरी झंडी दिखाकर चौथी यात्रा को हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी से रवाना करेंगे। इस यात्रा का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भाजपा ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंपी है।

लेकिन, पार्टी के इस फैसले ने राजस्थान से लेकर दिल्ली तक बैठे कुछ दिग्गज नेताओं को परेशान कर दिया है, जिन्होंने पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने के लिए अभियान चलाया था। दरअसल, सतीश पूनिया कुछ महीने पहले तक राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे। लेकिन, उनके कामकाज करने के स्टाइल ने पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को नाराज कर दिया था। राजस्थान में कार्य कर रहे पार्टी के कई दिग्गज नेताओं से लेकर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे, यहां तक कि एक संवैधानिक पद पर बैठे राजस्थान भाजपा के दिग्गज नेता तक पूनिया से नाराज हो गए थे।

सबसे दिलचस्प बात तो यह थी कि राजस्थान में कई गुटों में बंटी भाजपा में सिर्फ पूनिया के गुट को छोड़कर सभी गुटों के नेता उनसे नाराज हो गए थे। पूनिया ने स्वयं वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मोर्चा खोला हुआ था। भाजपा के दिग्गज नेताओं द्वारा लगातार शिकायत करने के बाद पार्टी आलाकमान ने इसी साल मार्च में सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर लोकसभा सांसद सीपी जोशी को राजस्थान भाजपा का नया अध्यक्ष बनाया था।

बाद में पार्टी आलाकमान ने पूनिया को राजस्थान विधानसभा में विपक्ष का उपनेता बना दिया था। लेकिन, परिवर्तन यात्रा में उन्हें तवज्जो दिए जाने ने दिग्गज नेताओं को परेशान कर दिया है। बता दें कि पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ जिन चार यात्राओं को निकालने का फैसला किया है, उसमें से पहली परिवर्तन यात्रा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 2 सितंबर को सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस यात्रा की अगुवाई करने का जिम्मा पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को सौंपी है।

भाजपा की दूसरी परिवर्तन यात्रा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 3 सितंबर को डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे और इस यात्रा का नेतृत्व भाजपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 4 सितंबर को जैसलमेर के रामदेवरा से तीसरी यात्रा को रवाना करेंगे, जिसका नेतृत्व करने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दी गई है। भाजपा की चौथी यात्रा को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 5 सितंबर को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, जिसकी अगुवाई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया करेंगे।

(आईएएनएस)

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