छत्तीसगढ़ में एकजुटता की राह पर चली कांग्रेस

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Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-02 11:37 GMT

डिजिटल डेस्क, रायपुर। कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ उन राज्यों में से एक है जहां उसकी स्थिति सबसे बेहतर और मजबूत है। यही कारण है कि कांग्रेस ने अब एकजुट रहने की राह पकड़ी है। पार्टी के भीतर जो थोड़ा बहुत असंतोष और बढ़ती खाई है उसको पाटने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। राज्य में गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच अनबन की बातें सामने आती रही थी, मगर अब राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस अनबन को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला हुआ है, इसके जरिए पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि राज्य में सिंहदेव की सियासी हैसियत में नंबर दो के नेता की है। राज्य में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी करना चाहती है और वह चुनाव से पहले ऐसी किसी चूक के लिए तैयार नहीं है जो पार्टी के लिए मुसीबत का कारण बने। इसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व राज्य में सामंजस्य और समन्वय को और बेहतर बनाने के प्रयास में जुटा हुआ है।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस को बहुमत मिला था तो मुख्यमंत्री पद के चार दावेदार माने गए थे, जिनमें भूपेश बघेल, चरणदास महंत, टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू थे। इन चार में से तीन की सियासी हैसियत काफी बढ़ी। भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बन गए। चरणदास महंत को विधानसभा अध्यक्ष का पद दिया गया और ताम्रध्वज साहू के पास गृह मंत्रालय है। मगर सिंहदेव के पास ज्यादा महत्वपूर्ण विभाग नहीं थे और अनबन का कारण भी यही माना गया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में कांग्रेस अब भी भाजपा के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में है। मगर अंदर खाने चलने वाली खींचतान से पार्टी को नुकसान की आशंका बनी रहती है। अब पार्टी नेतृत्व में स्थितियां सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाया है और टी एस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला लिया है जिसके चलते सियासी गलियारों में चलने वाली चर्चाओं पर विराम लगाने वाला कदम साबित हो सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सिंंहदेव के पास स्वास्थ्य विभाग के साथ पंचायती राज विभाग था, मगर उन्होंने एक विभाग को स्वेच्छा से छोड़ दिया था उसके बाद चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थी और आशंका जताई जा रही थी कि सिंहदेव बगावत भी कर सकते हैं। मगर सिंहदेव लगातार कांग्रेस के समर्पित सिपाही होने की बात कहते रहे। अब पार्टी ने एक बड़ा फैसला लिया है जिस पर अमल होने के बाद राज्य की कांग्रेस की सियासी तस्वीर सामने आएगी।

आईएएनएस

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