चुनाव रिजल्ट: अमेठी में पास हुई कांग्रेस की रणनीति, किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को 1.5 लाख से ज्यादा वोटों से दी करारी शिकस्त

  • अमेठी में कांग्रेस ने दर्ज की जबरदस्त जीत
  • राहुल को अमेठी से नहीं उतारने की रणनीति पास
  • किशोरी लाल को उतारने का फैसला सही साबित हुआ

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-04 13:39 GMT

डिजिटल डेस्क, अमेठी। उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर शुरू से ही सभी की नजरें टिकी थी। 2019 लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी से हारने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार अमेठी से किनारा कर लिया। राहुल ने अमेठी की जगह कांग्रेस के दूसरे गढ़ रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला लिया। इस फैसले पर भाजपा उन्हें लगातार घेरती भी रही। हालांकि, नतीजों को देखें तो राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की रणनीति काफी कारगार साबित हुई। अमेठी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा की जीत ने पार्टी की रणनीति पर मुहर लगा दी है। बता दें पार्टी ने दोनों सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर अंत तक सस्पेंस बनाए रखा था। नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस पार्टी ने रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा की थी।

अमेठी में पास हुई रणनीति

अमेठी लोकसभा सीट से राहुल गांधी की जगह किशोरी लाल शर्मा को उतारने की कांग्रेस पार्टी की रणनीति कामयाब रही। अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को उतारकर कांग्रेस पार्टी ने इसे लो प्रोफाइल सीट में तब्दील कर दिया। इस वजह से अमेठी हॉट सीट नहीं बन पाई, जिसके कारण स्मृति ईरानी को ज्यादा चर्चा नहीं मिली। कांग्रेस की जबरदस्त रणनीति ने इस चुनाव के जरिए स्मृति ईरानी को हटाकर अमेठी के किले पर एक बार फिर फतह कर ली है।

शुरूआती रूझानों से ही केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी अमेठी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा से पीछे चल रही थी। अंतिम परिणाम में किशोरी लाल शर्मा ने 1.5 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से स्मृति ईरानी को करारी शिकस्त दी है।

अमेठी सीट पर गांधी परिवार की पकड़

अमेठी सीट पर गांधी परिवार का शुरू से ही दबदबा रहा है। राहुल गांधी ने पहली बार अमेठी लोकसभा सीट से 2004 में चुनाव लड़ा था जिसमें उन्होंने करीब 2.9 लाख वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। इसके बाद राहुल ने 2009 और 2014 में फिर से इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 2014 में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को करीब 1 लाख वोटों से हराने के बाद अगले लोकसभा चुनाव (2019) में कांग्रेस नेता को स्मृति के खिलाफ करीब 55 लाख वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल ने अमेठी के अलावा केरल के वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा था जहां उन्हें भारी सफलता मिली थी। अमेठी सीट से सोनिया गांधी (1999) राजीव गांधी (1991, 1989, 1984) और संजय गांधी (1980) भी चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी।

2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी को 4 लाख 68 हजार 514 जबकि राहुल गांधी 4 लाख 13 हजार 394 वोट मिले थे। पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को हरा कर स्मृति ईरानी ने अमेठी के कांग्रेसी दुर्ग में कमल खिला दिया था।

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