लोकसभा चुनाव 2024: चंबल में कांग्रेस ने दिखाया दम, मगर जीत से दूर, वोट के अंतर को कम करने में कामयाब रही कांग्रेस

  • मुरैना से बीजेपी के शिवमंगल की जीत मध्यप्रदेश में सबसे छोटी जीत
  • भिण्ड से संध्या राय ने कांग्रेस के दिग्गज नेता को दी मात
  • सिंधिया की अब तक की अपनी सबसे बड़ी जीत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-05 10:31 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के चंबल में कांग्रेस ने पूरा दमखम दिखाया लेकिन वो जीत में कन्वर्ट नहीं हो पाया। हालांकि जीत के अंतर को कम करने में कांग्रेस में सफल रही। चंबल संभाग में भिण्ड व मुरैना श्योपुर जबकि ग्वालियर संभाग में गुना -शिवपुरी और ग्वालियर सीट आती है। यानि दोनों संभागों में दो -दो संसदीय सीट आती है। लोकसभा चुनाव के नतीजों में ग्वालियर -चंबल की चारों सीटों पर बीजेपी ने एक बार फिर परचम फहराया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी चारों सीटें बीजेपी के खाते में आई थी। लेकिन तब वोटों का अंतर अधिक था। गुना लोकसभा सीट को छोड़ दिया जाए तो अबकी बार कांग्रेस ने काफी मेहनत की। संभावनाओं से लेकर एग्जिट पोल में इलाके की सीटों पर कांग्रेस की सेंधमारी का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन ये अनुमान कांग्रेस को जीत के आंकड़ों में तब्दील नहीं कर पाया। 

आपको बता दें मुरैना-श्योपुर संसदीय सीट से बीजेपी केशिवमंगल सिंह तोमरने कांग्रेस प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीतू) को 52530 मतों से हराया है। तोमर को कुल 515477 वोट मिले है। शिवमंगल की जीत मध्यप्रदेश में सबसे छोटी जीत है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास रावत को 1 लाख से अधिक वोटों से हराया था। जबकि 2014 के संसदीय चुनाव में बीजेपी के अनूप मिश्रा ने 1 लाख 32 हजार मतों से मात दी थी। बीजेपी की ये आठवीं जीत है। बीजेपी यहां 1991 से लगातार जीतती आ रही है। मुरैना सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। भाजपा ने मुरैना के अपने मौजूदा सांसद को टिकट न देकर इस बार नए चेहरे शिवमंगल सिंह तोमर को टिकट दिया है। शिवमंगल दिमनी विधानसभा सीट से एक बार विधायक रह चुके हैं। 

भिण्ड संसदीय सीट से संध्या राय ने दोबारा जीत हासिल की है। कांग्रेस के फूल सिंह बरैया ने बीजेपी के मौजूदा सांसद राय को कड़ी टक्कर देते हुए चुनावी मुकाबले को दिलचस्प मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया। लेकिन अंतत:जीत की दहलीज पर बीजेपी की संध्या राय ने कांग्रेस प्रत्याशी को 64840 मतों से शिकस्त दी। संध्या राय को कुल 537065 वोट मिले। यहां भाजपा-कांग्रेस में कांटे का मुकाबला रहा। आखिर में भाजपा की संध्या राय ने करीब 65 हजार वोटों से जीत दर्ज की है। भाजपा ये सीट लगातार 35 साल से जीत रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की संध्या राय ने कांग्रेस के देवाशीष जरारिया को करीब दो लाख वोटों से मात दी थी। 2024 में बीजेपी की जीत 2009,2014 और 2019 की चुनावी जीत से छोटी रही।

ग्वालियर से बीजेपी के भरत सिंह कुशवाह ने कांग्रेस के प्रवीण पाठक को 70210 से मात दी है। कुशवाह को  कुल 671535 मत प्राप्त हुए। कुशवाह मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके है। ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीते चार चुनाव से बीजेपी का ही कब्जा है। 2007 के लोकसभा उपचुनाव से लेकर 2009 ,2014,2019 में यहां बीजेपी का कब्जा लगातार बरकरार है। 2009 में यशोधरा राजे सिंधिया, 2014 में नरेंद्र सिंह तोमर और 2019 में विवेक नारायण शेजवलकर ने ग्वालियर संसदीय सीट से जीत दर्ज की थी। बीते आम चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर ने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को एक लाख 46 हजार मतों से पराजित किया था। कुशवाह इस बार करीब 70 हजार वोटों से जीते है। जो पिछले लोकसभा चुनाव के जीत के अंतर से कम है।

सिंधिया की सबसे बड़ी जीत

गुना लोकसभा सीट से बीजेपी के ज्योतिरादित्य सिंधिया 540929 वोटों से जीते है। सिंधिया ने कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहे यादवेन्द्र राव देशराज सिंह को मात दी है। सिंधिया को कुल 923302 वोट मिलें। सिंधिया मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे है। हाल फिलहाल वो राज्यसभा सांसद है। लोकसभा में निर्वाचन होने के बाद वो उच्च या निम्न सदन में से किसी एक के सदस्य रह सकते। सिंधिया राज्यसभा की सदस्यता छोड़ सकते है। आपको बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गए थे। मार्च 2020 में उन्होंने अपने समर्थित विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया था। बीजेपी ने 2019 में जीते अपने प्रत्याशी को इस बार मौका नहीं दिया। 

गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 में मिली हार के दाग को मिटा दिया। हालांकि सिंधिया को हार कांग्रेस के चुनाव चिह्न हाथ पर मिली थी अब उन्होंने बीजेपी के चुनाव चिह्न कमल से जीत कर उस दाग को मिटा दिया। सिंधिया की ये जीत अब तक की उनकी सबसे बड़ी जीत है। आपको बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े सिंधिया को बीजेपी के केपी यादव ने हराया था।

सिंधिया की हार - जीत का सफर

2002 में उपचुनाव में बीजेपी के राव देशराज सिंह यादव को 4 लाख 6 हजार मतों से हराया

2004 में भाजपा के हरिवल्लभ शुक्ला को 86, 360 वोटों से हराया

2009 में भाजपा के नरोत्तम मिश्रा को 2 लाख 49 हजार मतों से हराया

2014 में भाजपा के जयभान सिंह पवैया को 1 लाख 20 हजार वोटों से हराया

2019 में भाजपा के केपी यादव ने उन्हें 1 लाख 25 हजार वोटों से हराया

2024 में कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव को 5 लाख 40 हजार वोटों से परास्त किया 

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