लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस नेता शशि थरूर का बड़ा बयान, इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर रद्द किए जाएगे जन विरोधी कानून
- भाजपा-आरएसएस का समर्थन आपस में हुआ कम
- कांग्रेस के न्याय पत्र में मुस्लिम आरक्षण का जिक्र नहीं
- कांग्रेस के मेनिफेस्टो में धर्म के आधार पर आरक्षण का जिक्र नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को शिमला में कहा कि अगर ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन सत्ता में आता है, तो आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए में किए गए संशोधनों और शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए बनाए गए कानून में धर्म के संदर्भ को रद्द कर दिया जाएगा। प्रेसवार्ता में थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संविधान को खतरे में डाल रहे हैं। इस बार कांग्रेस और इंडिया गठबंधन बहुत आगे निकल गई है। उन्होंने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे कानून की कोई जरूरत नहीं है, जो किसी व्यक्ति को अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका ना दे।
आपको बता दें कांग्रेस की यूपीए सरकार में शशि थरूर केंद्रीय मंत्री रह चुके है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य शशि थरूर ने कहा है कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही यूएपीए और सीएए कानून में संशोधन किया जाएगा। बिना अपराध के जनता को जेल में डाल दिए जाता है। लोगों को समय पर न्याय नहीं मिलता है। इस प्रकार के नागरिक विरोधी कानूनों को बदला जाएगा। यूएपीए और सीएए कानून में कई कमियां हैं। थरूर ने कहा कि मैं कांग्रेस का न्याय पत्र बनाने वाले कमेटी का सदस्य रहा हूं। कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कहीं भी धर्म के आधार पर आरक्षण का जिक्र नहीं है। प्रधानमंत्री को इस तरह के बयान देना शोभा नहीं देता, अगर पीएम ने ऐसा पढ़ा है तो हमें पेज और पैराग्राफ नंबर बताए। मोदी ओबीसी आरक्षण पर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं।
थरूर ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाए कि इन्होंने 2014 में देश की जनता से कई वादे किए थे लेकिन एक भी पूरा नहीं कर पाए। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से सभी परेशानि है। किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है।शशि थरूर नेबीजेपी और आरएसएस के समर्थन पर सवाल उठाए उन्होंने कहा इनका समर्थन कुछ समय से आपस में कम हुआ है। बीजेपी नेता पीएम मोदी से सवाल करने से भी डरते हैं, पीएम मोदी ही सब कुछ बन गए हैं। शशि थरूर ने कहा कि इस बार हरियाणा में 5 से 7 सीटें, राजस्थान में 10 से 12, कर्नाटक में 12 से 15, केरल में 15 से 17, तेलंगाना में 10 से 12 सीटें कांग्रेस को मिलने जा रही हैं। बिहार में इंडिया गठबंधन आगे है। महाराष्ट्र में इंडिया को अच्छी सीटें मिल रही हैं।