भाजपा में पुराने कार्यकर्ताओं को पाले में लाने की हो रही कवायद के बीच कांग्रेस पथरिया में ढूंढ रही जिताऊ चेहरा

  • कांग्रेस के लिए पथरिया बड़ी चिंता
  • संपर्क और संवाद की सियासत
  • बड़ा दांव खेल सकते हैं प्रहलाद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-22 11:11 GMT

डिजिटल डेस्क, दमोह। मिशन 2023 फतह करने में जुटे सियासी दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं के साथ कार्यकर्ताओं को भी साधने में जुट गये हैं। इसे लेकर भाजपा में जोर-शोर से कवायद चल रही है। दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद से भाजपा की स्थिति जिले में कमजोर होती जा रही है। यह बात संगठन के शीर्ष नेतृत्व ने भी महसूस की है। भाजपा प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने से पीछे नहीं रहना चाहती है, लिहाजा पुराने कार्यकर्ताओं को अपने पाले में लाते हुए पूरे दमखम के साथ चुनावी समर में उतरने की रणनीति पर वह इन दिनों काम कर रही है। इधर दमोह सीट पर दशकों का वनवास खत्म होने के बाद कांग्रेस की भी उम्मीदें जवां हैं लेकिन उसकी राह में बड़ा रोड़ा जिताऊ व टक्कर न दे पाने वाले चेहरे का न होना है। उसे सबसे ज्यादा परेशानी पथरिया में हो रही है जहां बसपा विधायक रामबाई के साथ भाजपा को भी सशक्त टक्कर देने वाला चेहरा नहीं मिल रहा है।

संपर्क और संवाद की सियासत

हालातों को समझ रही भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं व नेताओं के बीच ही संपर्क और संवाद का अभियान छेड़ रखा है। टिफिन पार्टी इसी अभियान का एक हिस्सा है, अंग है। इसके इतर बीते चार साल दरम्यान अंदरूनी कलह या खेमेबाजी के चलते पार्टी से दूरी बना चुके कार्यकर्ताओं से भी संपर्क साधा जाने लगा है। भाजपा जिला अध्यक्ष व कुछ अन्य पदाधिकारी पुराने कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क बनाकर उनसे सियासी समीकरणों पर चर्चा कर रहे हैं। साथ ही उनकी नाराजगी को समझ कर उसे दूर भी करने के प्रयास शुरू कर दिये गये हैं। सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा ध्यान पार्टी के कद्दवर नेता और पूर्व मंत्री जयंत मलैया समर्थक कार्यकर्ताओं पर दिया जा रहा है।

कांग्रेस के लिए पथरिया बड़ी चिंता

2018 के चुनाव बाद से जिले में कांग्रेस ने अच्छी वापसी की है। भले ही भाजपा ने उसके हाथों से प्रदेश की सत्ता छीन ली हो। लेकिन जिले के स्थानीय चुनावों में कांग्रेस ने इसका जवाब अच्छी तरह से • दिया है। कांग्रेस खुद को दमोह व जबेरा मजबूत स्थिति में देख रही है तो हटा में वह भाजपा को बराबरी से टक्कर देने की स्थिति में है। पार्टी के पदाधिकारियों को लिए सबसे ज्यादा चिंता पथरिया को लेकर है। सूत्रों के अनुसार पथरिया में कोई ऐसा चेहरा पार्टी के पास नहीं है जो जिताऊ तो दूर भाजपा व बसपा को टक्क र भी दे सकता हो। यहां दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है इसलिए कांग्रेस को यहां बगावत का भी डर सता रहा है।

बड़ा दांव खेल सकते हैं प्रहलाद

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री प्रहलाद पटेल की जबेरा में सक्रियता कांग्रेसियों के साथ भाजपा विधायक धर्मेन्द्र सिंह लोधी की भी नींद उड़ाए हुए हैं। राजनीतिक प्रेक्षक दमोह सांसद तथा केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद की जबेरा में सक्रियता को उनके विधानसभा चुनाव लडने की संभावना से भी जोड़ कर देख रहे हैं । प्रहलाद के प्रयासों से टिकट और की गई मेहनत से 2018 में चुनाव जीतने वाले धर्मेन्द्र सिंह लोधी की पैरवी में संघ खड़ा होगा या नहीं यह तो तय नहीं लेकिन यह जरूर है कि विधायक महोदय की नींद जरूर उड़ी हुई है।

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