बरोदिया नोनागिर घटना: पीड़ित परिवार से मिले सीएम, 8 लाख 25 हजार रुपये की मदद का किया ऐलान, पुलिस चौकी खोलने का दिया आश्वासन

  • सागर के बरोदिया नोनागिर पहुंचे सीएम डॉ. मोहन यादव
  • पीड़ित परिवार से की मुलाकात
  • आर्थिक मदद और पुलिस चौकी खोलने का किया ऐलान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-29 12:23 GMT

डिजिटल डेस्क, सागर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को सागर के बरोदिया नोनागिर गांव पहुंचे। उन्होंने पीड़ित दलित परिवार से मुलाकात की। घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए सीएम यादव ने कहा कि ऐसी घटना दोबारा न हो, यह हमारा प्रयास होगा। राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बरोदिया नोनागिर में पुलिस चौकी खोलने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, 'यहाँ पर बार-बार घटनाएं हो रही हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए यहां पर पुलिस चौकी खोली जाएगी। क्षेत्र में पुलिस प्रबंधन करते हुए परिवार के बड़े-बूढ़ों को भी विश्वास में लिया जाएगा। जान-माल का नुकसान होना चिंतनीय है। मैं इस अत्यधिक दु:ख की घड़ी में शोकाकुल परिवार के साथ हूँ। घटना के मामले में निष्पक्ष जांच की जा रही है।'

पीड़ित परिवार को मिलेगी 8.25 लाख रुपये की सहायता राशि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मृतक स्व.राजेंद्र अहिरवार के परिवार को 8 लाख 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आधी राशि 4 लाख 12 हजार 500 रुपये बैंक खाते में जमा होगें। शेष आधी राशि चालान प्रस्तुत होने पर दी जाएगी।

सीएम ने आगे कहा कि ऐसी घटनाएं जब भी होती हैं तो पीड़ित का मन बुरी तरह आहत होता है। उनकी हिम्मत बढ़ाने के लिए उनके साथ है। घटनाएं आपसी रंजिश की वजह से हो रही हैं। सरकार यह प्रयास करेगी की ऐसी घटनाएं फिर दोबारा न हों। मुख्यमंत्री ने कहा, 'मेरी मृतकों के परिवार वालों के साथ सहानुभूति है। गांव के लोग मिलें तो आगे ऐसे कोई आपसी झगड़े नहीं होंगे।' इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व मंत्री व विधायक भूपेंद्र सिंह, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, बीना विधायक निर्मला सप्रे समेत अन्य जनप्रतिनिधि थे।

कांग्रेस को दी राजनीति न करने की नसीहत

इस दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा इस घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए जाने पर सीएम यादव ने कहा कि कांग्रेस को ऐसी दुखद घटना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने आग कहा, कांग्रेस का काम विपक्ष का है। जिसमें उनको बोलते रहना है। उनको खुद इस बात का पता है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह दोनों घरों में बैठ कर आए थे, जहां झगड़ा हुआ था वहां भी वो गए थे और जिसके घर घटना हुई थी वहां भी। बाहर से आया आदमी इस मामले में क्या करेगा? घटना परस्पर हुई है और उसकी गंभीरता का हमको एहसास है।

दरअसल, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और एमपी पार्टी प्रमुख जीतू पटवारी पीड़ित परिवार से मिलने बरोदिया-नोनागिर गांव पहुंचे थे। जहां उन्होंने पीड़ित परिवार की राहुल गांधी से मोबाइल पर बात कराई थी। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने सागर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षको हटाने की मांग भी की थी।

जानें क्या है मामला?

पिछले साल अगस्त में सागर जिले की खुरई तहसील के बरोदिया नोनागिर गांव में पुरानी रंजिश को लेकर कुछ लोगों ने पीट-पीटकर नितिन अहिरवार की हत्या कर दी थी। इसके बाद मृतक बहन ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें उसने कहा कि उसके भाई नितिन की हत्या कर दी गई है और कुछ लोग उत्पीड़न मामले में समझौता करने के लिए उस पर दबाव बना रहे हैं।

इसके बाद बीते शनिवार को मामले में राजीनामा करने को लेकर दोनों पक्षों के बीच बैठक में मृतक नितिन के चाचा की हत्या कर दी गई। जब उसका शव पीएम के लिए हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था तब उसकी भतीजी अंजना चलती एंबुलेंस से कूद गई, जिसमें उसकी मौत हो गई।

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