लोकसभा चुनाव 2024: संविधान बदलने के लिए 400 से ज्यादा सीट जीतना चाहती है भाजपा : उद्धव
- भाजपा लिए भारत का संविधान एक बोझ
- वे डॉ. आंबेडकर के लिखे संविधान को बदलना चाहते है
- उद्धव ने बीजेपी पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क,धुले। शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने बीते दिन मंगलवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 400 से अधिक सीट जीतना चाहता है ताकि वे संविधान को बदल सके।
ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि भाजपा के लिए भारत का संविधान एक बोझ है। वे सोचते हैं कि उन्हें एक दलित द्वारा लिखे गए संविधान का पालन क्यों करना चाहिए? वे 400 से अधिक सीट इसलिए जीतना चाहते हैं ताकि वे डॉ. बीआर आंबेडकर के लिखे संविधान को बदल सकें। शिवसेना यूबीटी नेता ठाकरे ने केंद्र की मोदी सरकार पर कृषि उपज की पर्याप्त कीमत न देकर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया। ठाकरे ने धुले में महा विकास आघाडी गठबंधन (एमवीए)की उम्मीदवार शोभा बछाव के लिए रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, हम सत्ता में लौटने के बाद महाराष्ट्र का गौरव लौटाएंगे, जो इन (भाजपा) लोगों ने लूट लिया है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने (स्वराज के लिए) सूरत को लूटा था लेकिन अब सूरत के ये दोनों (व्यक्ति) छत्रपति के महाराष्ट्र को लूट रहे हैं।
महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के गुहागर में एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने दावा करते हुए कहा है कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ प्रचार कर रही है ताकि वह " संविधान बदल सकें। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि "एक राष्ट्र एक चुनाव" की अवधारणा तानाशाही की ओर एक कदम है। उन्होंने कहा, "भाजपा की रणनीति को समझना होगा, जब भाजपाई संविधान बदलने की अपनी योजना पर आगे बढ़ते हैं तो वे विरोधी आवाजें नहीं चाहते। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा हाल ही में बीते सत्र में 100 से अधिक सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया , इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक बिना बहस के पारित किए गए। ठाकरे ने कहा आज की भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के समय से बहुत अलग है।
आपको बता दें भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी पार्टी को संविधान में संशोधन करने और "कांग्रेस द्वारा इसमें की गई विकृतियों और अनावश्यक परिवर्धन को ठीक करने" के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता है। बाद में भाजपा ने हेगड़े की टिप्पणी से उत्पन्न विवाद को शांत करने के लिए कदम उठाया और इसे उनकी "व्यक्तिगत राय" करार दिया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा।