शिक्षक भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने दी ममता सरकार को बड़ी राहत, सीबीआई जांच पर लगाई रोक, 6 मई को अगली सुनवाई

  • शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
  • कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
  • 6 मई को सुप्रीम कोर्ट करेगा मामले में आगे की सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-29 13:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ममता सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पं. बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिया गया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई की।

ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें कोर्ट ने राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में एसएससी द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य कर दिया था। इसके साथ ही इन शिक्षकों को 7 से 8 के दौरान जो वेतन मिला उसे ब्याज समेत लौटाने को कहा। कोर्ट ने नए लोगों को नौकरी मिलेगी और यह प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर शुरू करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब 6 मई को सुनवाई करेगा।

बंगाल सरकार के वकील ने कोर्ट में सवाल उठाया गया कि हाईकोर्ट द्वारा सभी नियुक्तियों को खारिज कर दिया गया है, जबकि सीबीआई को अब तक अपनी जांच में केवल 8 हजार नियुक्तियों में ही खामियां मिली। एसएससी ने भी कोर्ट में कहा कि जो नियुक्तियां सही तरह से हो सकती थीं, उन्हें अलग किया जा सकता था।

वहीं बंगाल शिक्षक भर्ती मामले पर आए हाईकोर्ट के फैसले को ममता बनर्जी ने अवैध बताया था। उन्होंने कहा था कि हम उन सभी लोगों के साथ खड़े हैं जिनकी नौकरियां इस फैसले की वजह से चली गई हैं। इसके साथ ही बंगाल सीएम ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि सत्तारुढ़ दल द्वारा न्यायपालिका के निर्णयों को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है।

क्या है मामला?

पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में स्टेट लेवल सेलेक्शन टेस्ट-2016 के माध्यम से सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती की गई थी। 24,640 रिक्त पदों के लिए निकाली गई इस भर्ती परीक्षा में 23 लाख से ज्यादा अभ्यार्थियों ने हिस्सा लिया था। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपए तक की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। वहीं इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को कई शिकायतें भी मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं को लेकर जांच एजेंसी सीबीआई ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, अर्पिता मुखर्जी और एसएससी के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया था। बता दें कि अर्पिता पेशे से मॉडल हैं और पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाती हैं।

Tags:    

Similar News