शराब नीति मामला: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

  • ट्रायल कोर्ट से पहले ही याचिका खारिज हुई
  • 9 मार्च, 2023 को किया था गिरफ्तार
  • 17 नवंबर, 2021 को लागू हुई थी नई आबकारी नीति

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-21 14:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामला शक्तियों के दुरुपयोग और जनता के भरोसे को तोड़ने वाला है। सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।

आपको बता दें दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 14 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब इस पर फैसला सुनाया गया है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को निचली अदालत में जमानत अर्जी लगाने की छूट दी है। याचिकाकर्ता की तरफ से जमानत को लेकर कोर्ट में देरी होने की दलील दी गई जिसका ईडी और सीबीआई ने विरोध किया। उन्होंने कहा जमानत का ये केवल आधार नहीं हो सकता। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत अर्जी निचली अदालत में दाखिल करने को कहा था।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील को पढ़ा, जिसमें उन्होंने ट्रायल शुरू होने में देरी लगाने की बात कही थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा  सभी आरोपी  कानूनी अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने यह भी माना कि  ईडी और सीबीआई की तरफ से ट्रॉयल कोर्ट में देरी को लेकर कोई फॉल्ट नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि वो उनकी टिप्पणियों से बिना प्रभावित हुए जमानत पर फैसला करे। 

आपको बता दें केजरीवाल सरकार में बतौर मंत्री मनीष के पास आबकारी विभाग के साथ कुल 18 विभाग थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार में शामिल होते हुए ऐसी आबकारी नीति बनाई जिससे  कुछ लोगों को फायदे मिले। और रिश्वत भी आ सके। यह मामला सत्ता के गंभीर दुरुपयोग का है। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया गया था।

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