लोकसभा चुनाव 2024: कर्नाटक में भाजपा को बड़ा झटका, प्रह्लाद जोशी को टक्कर देंगे लिंगायत संत, पार्टी का वोट बैंक होगा प्रभावित
- देश में जल्द होने वाले हैं लोकसभा चुनाव
- कर्नाटक में बढ़ी भाजपा की मुश्किलें
- केंद्रीय मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे लिंगायत संत
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। देश में लोकसभा चुनाव नजदीक है। दिन ब दिन राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार और अभियान जोर पकड़ता जा रहा है। इस बीच कर्नाटक के सियासी गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई है। राज्य में लिंगायत समुदाय के बड़े संत जगद्गुरु फकीरा दिंग्लेश्वर महास्वामी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। दिंग्लेश्वर महास्वामी का मुकाबला मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से होगा। जिससे भाजपा की टेंशन बड़ गई है। दरअसल, कर्नाटक की राजनीति में दशकों से लिंगायत समुदाय का काफी दबदबा रहा है। चुनावों के दौरान इस समाज की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। लंबे समय से लिंगायत समुदाय भाजपा के लिए वोट बैंक भी रहा है। हालांकि, आगामी चुनाव में दिंग्लेश्वर महास्वामी के चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक स्थिति में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है। इससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई है। साथ ही राज्य में लिंगायत बहुल सीटों भी प्रभावित हो सकती, जो पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान
कर्नाटक की धारवाड़ लोकसभा सीट से दिंग्लेश्वर महास्वामी चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का कारण बताया कि उनका उद्देश्य क्षेत्र में पारंपरिक राजनीतिक दलों के प्रभुत्व को खत्म करके मतदाताओं को विक्लप देना है। वहीं, उनके चुनाव लड़ने का निर्णय राज्य की सियासत में गहरा प्रभाव डाल सकता है। वह बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति से कोसो दूर कर्नाटक में एक वैकल्पिक मंच तैयार करने के रूप में उभर रहे हैं।
दिंग्लेश्वर महास्वामी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा, "मैं धारवाड़ लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहा हूं। इस सीट पर दोनों राष्ट्रीय दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी को उतारा है।" इसके अलावा उन्होंने बीजेपी की टिकट वितरण नीतियों पर नाराजगी और पार्टी की उपस्थिति में लिंगायत समुदाय के समर्थन पर भी अपनी बात रखी है। दिंग्लेश्वर महास्वामी ने कहा, " राज्य में लिंगायत समुदाय ने ही भाजपा को स्थापित और विकसित किया है। भाजपा में टिकट वितरण समाजिक न्याय के विरुद्ध होता है।"
प्रह्लाद जोशी पर बोला हमला
इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक से लिंगायत समाज के नौ वीरशैव नेता संसद गए थे। मगर इसके बावजूद उन्हें कोई मंत्री पद नहीं सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी लिंगायत समुदाय को कभी अहमियत नहीं दी गई है। दिंग्लेश्वर महास्वामी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के जरिए राजनीति के दिग्गजों पर लिंगायत समुदाय की आवश्यकता की पूर्ती से किनारा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, " केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी हमारे समुदाय को रौंद रहे हैं। उनका धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र में योगदान अभी भी संदिग्ध है।"