लोकसभा चुनाव 2024: मनमोहन सिंह ने मतदाताओं के नाम लिखा पत्र, किसान आंदोलन से लेकर जीएसटी और नोटबंदी जैसे मसलों पर मोदी सरकार को घेरा
- मनमोहन सिंह ने पंजाब के लोगों के नाम लिखा पत्र
- अंतिम चरण में ज्यादा संख्या में मतदान करने की अपील की
- फैसलों और नीतियों को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण 1 जून को होगा। इस फेज में देश के आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 57 सीटों पर चुनाव होगा। जिनमें पंजाब की सभी 13 सीटें भी शामिल हैं। आखिरी चरण की वोटिंग से पहले देश के पूर्व पीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब के वोटरों से खास अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर उनकी भाषा और फैसलों को लेकर जमकर हमला भी बोला है।
मनमोहन सिंह ने गुरुवार को एक लेटर जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'मेरे प्यारे साथी नागरिकों आज देश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। अंतिम चरण के मतदान में, हमारे पास लोकतंत्र और हमारे संविधान को सुरक्षित रखने का एक निरकुंश शासन को खत्म करने का एक आखिरी मौका है। पंजाब और पंजाबी योद्धा हैं। हम अपने बलिदान की भावना के लिए जाने जाते हैं। हमारा सद्भाव, सौहार्द और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सहज विश्वास हमारे महान राष्ट्र की रक्षा कर सकता है।'
'पीएम ने पद की मर्यादा को कम किया'
अपने पत्र में मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर अमर्यादित और घृणास्पद बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा, "मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा को बहुत ध्यान से देख रहा हूं। मोदी जी ने काफी घृणास्पद भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी हैं। मोदी जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पद की गरिमा और उसके साथ ही प्रधानमंत्री पद की गंभीरता को कम किया है। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इतनी घृणित, असंसदीय और निम्नस्तरीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने मुझे लेकर भी कुछ गलत बयान दिए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया। यह भाजपा का विशेष अधिकार और आदत है।"
'पंजाब और पंजाबियत को किया बदनाम'
अपने पत्र में पूर्व पीएम ने पंजाब का जिक्र करते हुए कहा, पिछले दस साल में बीजेपी सरकार ने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पंजाब के 750 किसान शहीद हुए। अन्नदाता लगातार कई महिनों तक दिल्ली की सीमाओं पर इंतजार करते रहे। इन पर सरकार ने हमले कराए। यहां तक उन्हें लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाले संसद में आंदोलनजीवी और परजीवी तक कहा गया।
मनमोहन सिंह ने आगे कहा सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने साल 2022 तक हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन उल्टा दस साल में उनकी आय कम हो गई। हमारे खेत परिवारों की बचत को नष्ट कर दिया और उन्हें हाशिये पर छोड़ दिया। इस बार कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 'किसान न्याय' के अंतर्गत 5 गारंटियां दी हैं। जिनमें एमएसपी की कानूनी गारंटी, एक स्थित आयात-निर्यात नीति, कर्ज माफी जैसे गारंटियां शामिल हैं।
जीएसटी और नोटबंदी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था
पूर्व पीएम ने अपने पत्र में मोदी सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों और नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीते 10 सालों में देश की अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल देखी गई। नोटबंदी, गलत तरीके लगाया गया जीएसटी और कोरोना काल के समय लगाए गए लॉकडाउन के निर्णय ने देश की इकोनॉमी को दयनीय अवस्था में पहुंचा दिया। मोदी सरकार के अभी तक के कार्यकाल में औसत रूप से जीडीपी विकास दर 6 फीसदी से कम रही। वहीं कांग्रेस के कार्यकाल में दर करीब 8 फीसदी थी।