Assembly Elections 2023: 'INDIA' से अलग राह पर चले सीएम अरविंद केजरीवाल, MP और छत्तीसगढ़ में करेंगे चुनाव प्रचार, गठबंधन के भविष्य पर मंडराया खतरा?
- सीएम अरविंद केजरीवाल आज रायपुर में करेंगे एक विशाल रैली को संबोधित
- 20 अगस्त को एमपी में आएंगे केजरीवाल
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिनमें से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे दो बड़े राज्य भी हैं। इस राज्य को फतह करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी पूरी तरह तैयार है ताकि अपने प्रतिद्वंदी साथी को चुनावी रण में पटखनी दी जा सके। लेकिन इन दोनों पार्टियों के अलावा एक तीसरा मोर्चा भी तैयार है और कांग्रेस-बीजेपी को मैदान में कड़ी टक्कर दे सकता है। जी हां, आम आदमी पार्टी चुनावी राज्य एमपी और छत्तीसगढ़ में इस बार अपनी किस्मत आजमा रही है। इसी को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं आप नेता और पंजाब के सीएम भगवंत मान आज यानी 19 अगस्त को राजधानी रायपुर में एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं।
इस रैली में प्रदेश के सभी कार्यकर्ता आने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक, इस रैली से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल छत्तीसगढ़ की जनता को गारंटी कार्ड दे सकते हैं ताकि चुनावी लाभ लिया जा सके। केजरीवाल और मान की इस रैली को बेहद ही खास माना जा रहा है क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मोदी सरकार को हराने के लिए विपक्ष ने गठबंधन 'इंडिया' का एलान किया है। जिसका हिस्सा केजरीवाल की पार्टी आप भी है लेकिन अलायंस की मुख्य पार्टी कांग्रेस से ही दो-दो हाथ करने के लिए केजरीवाल की आप तैयार है।
रीवा में केजरीवाल की रैली
दिल्ली के मुखिया और आप के वरिष्ठ नेता भगवंत मान कल यानी 20 अगस्त को मध्यप्रदेश के रीवा जिले में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, एमपी में भी केजरीवाल गारंटी कार्ड की घोषणा कर सकते हैं। इस घोषणा में महिलाओं से लेकर युवा, शिक्षा और किसान से जुड़े मुद्दे हो सकते हैं। आप रीवा में बीजेपी पर हमला बोल सकती है। केजरीवाल भाजपा पर बेरोजगारी, किसानों की आय, महिलाओं की सुरक्षा एवं अदिवासियों की स्थिति पर शिवराज सरकार को घेर सकते हैं। लेकिन इन सबसे इतर यह हो जाता है कि आप के आने बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
गठबंधन 'इंडिया' में दरार!
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, कांग्रेस के लिए आप बड़ी चुनौती है क्योंकि बीजेपी का कोर वोट बैंक में सेंध लगाना केजरीवाल के लिए आसान नहीं हैं। लेकिन कांग्रेस का कोर वोट बैंक में सेंध लगाना आप के लिए आसान है क्योंकि केजरीवाल की पार्टी को वोटर्स 'पंजे' का विकल्प 'झाड़ू' के रुप देख रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष ने जो गठबंधन इंडिया का गठन किया है वो वाकई बीजेपी को हराने के लिए बना है या किसी और काम के लिए, सियासत के जानकारों का कहना है कि केजरीवाल के एमपी और छत्तीसगढ़ में पैर पसारने से गठबंधन में दरार भी आ सकता है।