Ashok Tanwar: अशोक तंवर की जीवनी, जानिए हरियाणा के दलित नेता अशोक तंवर कौन हैं?

  • अशोक तंवर का हृदय परिवर्तन
  • अशोक तंवर ने बीजेपी से तोड़ा नाता
  • पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कांग्रेस में की घर वापसी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-03 14:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के थमने से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद और दलित नेता अशोक तंवर ने घर वापसी कहते हुए महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी की चुनावी सभा में कांग्रेस में वापसी कर ली है। इस खास मौके पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी मौजूद रहे। कांग्रेस में शामिल होने से घंटे भर पहले अशोक तंवर बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे थे। लेकिन इसके तुरंत बाद उनका हृदय परिवर्तन हुआ और वह कांग्रेस में शामिल हो गए। आपको बता दें अशोक तंवर को कांग्रेस के लिए काफी भाग्यशाली माना जाता है। जब जब उन्होंने कांग्रेस के हाथ का साथ दिया तब कांग्रेस ने बढ़त हासिल की है। उन्हें एक तरह से राजनीति में मौसम वैज्ञानिक कहा जाता है।

भारतीय राजनीतिज्ञ अशोक तंवर का जन्म 12 फरवरी 1976 को झज्जर जिले के चिमनी में एक चमार किसान परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम दिलबाग सिंह और माता का नाम कृष्ण राठी था। 

परिवार

अशोक तंवर ने जून 2005 में ललित माकन की बेटी और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा की नातिन अवंतिका माकन से शादी की। उनके एक बेटा आदिकर्ता और एक बेटी अभिषदा है।

शिक्षा

अशोक तंवर ने वारंगल की काकतीय यूनीवर्सिटी से बी.ए. किया। उसके बाद तंवर ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम.ए., एम.फिल. और पी.एच.डी. (मध्यकालीन भारतीय इतिहास) में की।

राजनीतिक सफर

तंवर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत जेएनयू में एनएसयूआई के कार्यकर्ता के रूप में शुरू की । तंवर तब चर्चा में आए जब उन्होंने जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा। वे 1999 में एनएसयूआई के सचिव और 2003 में अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में, एनएसयूआई ने 2003 में उनके पदभार संभालने के बाद से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ( डूसू ) में दो चुनाव जीते और जेएनयू में एनएसयूआई के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ। तंवर हरियाणा पीसीसी अध्यक्ष , सिरसा से सांसद और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद पर रह चुके है। वे भारतीय युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं । आपको बता दें तंवर भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले सबसे कम उम्र के नेता थे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में अशोक तंवर ने 3 अक्टूबर 2024 को एक बार फिर कांग्रेस में वापसी घर ली। चुनाव थमने के कुछ देर पहले ही तंवर ने बीजेपी ने नाता तोड़कर कांग्रेस के हाथ का दामन थामा है।

लोकसभा चुनाव में जीत और हार 

2009 में हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में साढ़े तीन लाख से अधिक वोटों से लोकसभा में निर्वाचित हुए। हालाँकि तंवर अगला लोकसभा चुनाव यानि 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल के चरणजीत सिंह रोड़ी से लोकसभा चुनाव हार गए। शैलजा कुमारी के प्रयास से 14 फरवरी 2014 को तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कांग्रेस को सफलता दिलाई। 5 अक्टूबर 2019 को पूर्व सांसद तंवर ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया, और आम आदमी पार्टी ज्वॉइन कर ली। आप कांग्रेस के गठबंधन की सुगबुगाहट के चलते पूर्व सांसद ने आप ने नाता तोड़कर 20 जनवरी 2024 को हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में नई दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ले ली। 2024 आम चुनाव में वो कांग्रेस की शैलजा कुमारी से 2.50 लाख से अधिक मतों के अंतर से हार गए। अब उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़कर एक बार फिर घर वापसी की है।

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