हवा में 'जहर': सुप्रीम कोर्ट के सवाल का जवाब दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर कर दिया, बताया कैसे काम करेगा ऑड-ईवन?

  • दिल्ली की हवा में जहर!
  • दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-10 06:42 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को प्रदूषण को लेकर फटकार लगाई थी और पूछा था कि इसे रोकने के लिए क्या सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। शीर्ष अदालत की आलोचना के बाद अब दिल्ली सरकार ने आज यानी 10 नवंबर को अपना हलफनामा दायर किया है। जिसमें कोर्ट में बताने की कोशिश की है कि आखिर ऑर्ड-ईवन लागू करने से प्रदूषण पर क्या असर पड़ेगा।

हलफनामे में बताया गया है कि, इस स्कीम के तहत गाड़ियों की भीड़ घटती है। सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ता है, ईंधन की खपत में गिरावट आती है। दिल्ली सरकार ने आगे कहा कि, ,अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड टैक्सी को दिल्ली आने से पूरी तरह रोकना संभव नहीं है। ईंधन इस्तेमाल और उनके नंबर के आधार पर सीमित रोक लगाई जा सकती है।

प्रदूषण रोकना कोर्ट की जिम्मेदारी नहीं- अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते हुए मामले की सुनवाई की थी। जिसमें उसने जिम्मेदार राज्य सरकारों को जमकर लताड़ लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि, प्रदूषण रोकना कोर्ट की जिम्मेदारी नहीं हो सकती है, सभी को इसमें अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी तब जाकर इस पर विजय पाया जा सकता है। इसके साथ ही सभी को अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करनी पड़ेगी।

दिल्ली सरकार के हलफनामे में क्या?

दिल्ली सरकार ने अपनी तरफ से प्रदूषण नियंत्रण को लगाम लगाने के लिए किए गए उपायों के बारे में बताया और कहा कि हम शहर में एक बार फिर से ऑड ईवन लागू करने की योजना बना रहे हैं। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि, प्रदूषण रोकने के लिए ये कदम नाकाफी है। कोर्ट ने आगे कहा था कि, ऑड-ईवन प्रदूषण पर लगाम लगाने का सबसे अवैज्ञानिक तरीका है, सरकार हमें बताए कि आखिर कैसे ये उपाय प्रदूषण कम करने में मदद करते हैं। अब इसी को लेकर दिल्ली सरकार ने अपना हलफनाम दायर किया है जिसमें इसके फायदे बताए गए हैं।

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