लोकसभा चुनाव 2024: सपा से रार के बीच क्या स्वामी प्रसाद और पल्लवी पटेल की कांग्रेस से बढ़ रही नजदीकियां? राहुल की 'न्याय यात्रा' दे रही इसके संकेत

  • आगामी चुनाव से पहले सपा में पड़ी फूट
  • स्वामी प्रसाद और पल्लवी पटेल की बढ़ रही कांग्रेस से नजदिकियां
  • नाराज नेताओं ने बाताया इसका कारण

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-16 12:42 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही समय बाकी हैं। इस बीच उत्तरप्रदेश की सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। राज्य में एक तरफ जहां सपा समेत अन्य विपक्षी दलों की रणनीति फेल होती नजर आ रही हैं। तो वहीं, दूसरी ओर भाजपा का खेमा बढ़ता जा रहा हैं। बीते दिनों,आगामी चुनाव से पहले रालोद ने भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए का दामन थाम लिया है। वहीं, सपा में अंदरूनी फूट नजर आ रही हैं। सपा से केशव प्रसाद मौर्य का इस्तीफा और पल्लवी पटेल की नाराजगी इस बात के संकेत हैं। इस बीच खबरे हैं कि पल्लवी पटेल राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए चंदौली जाएंगी। इसके अलावा स्वामी प्रसाद मोर्य भी 18 फरवरी को प्रयागराज में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में हिस्सा लेंगे। सपा के नाराज नेताओं की कांग्रेस से बढ़ती नजदीकियों को पार्टी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

स्वामी प्रसाद ने क्यों दिया इस्तीफा

कुछ दिनों पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव पद से पार्टी को इस्तीफा सौंप दिया था। इसके लिए उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को एक पत्र लिखकर अपनी बातों का जिक्र किया।स्वामी मौर्य ने बुधवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि इस पर अब अखिलेश यादव को निर्णय करना है कि उन्हें यह स्वीकार करना है या नहीं। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह जाहिर भी किया कि उनका पार्टी में महासचिव पद से इस्तीफा और सपा मुख्यालय में 13 फरवरी को हुई पूजा से कोई संबंध नहीं हैं। स्वामी मौर्य ने कहा कि उनका इस्तीफा देने का फैसला एक व्यक्तिगत मामला है। अपने इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि सपा के कई नेताओं ने उनका समर्थन किया है। मगर, पार्टी में कुछ नेता जिनकी गिनती उंगलियों पर होती हैं। सिर्फ वे ही विरोध में नजर आते हैं। इसे लेकर स्वामी मौर्य ने अखिलेश से साफ तौर पर कहा था कि अगर आप इन्हें काबू नहीं कर सकते हैं, तो मेरे लिए कोई अन्य फैसला करें। वहीं, जब पत्रकारों ने पार्टी छोड़ने के सवाल पूछा, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह तो अखिलेश यादव तय करेंगे।

पल्लवी पटेल की नाराजगी का कारण

बता दें, अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल पार्टी की नाराजगी जाहिर हो गई है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट डालने से साफ मना किया है। पल्लवी पटेल ने पार्टी पर तंज कसा कि पार्टी सपा पीडीए की बात करती है। पीडीए का अर्थ होता है पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक। उन्होंने सपा पर आरोप लगाया कि पार्टी की ओर से राज्यसभा में घोषित प्रत्याशियों को प्रतिनिधित्व देते समय इस पीडीए पर ध्यान केंद्रित नहीं किया। जो, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज के लोगों के साथ अन्याय है। यही वजह है कि पल्लवी पटेल ने राज्यसभा में सपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट नहीं देंगी। इसके अलावा उन्होंने बीजेपी उम्मीदवारों को मतदान देने के सवाल पर बात साफ करते हुए कहा कि मैंने केवल सपा प्रत्याशीयों को वोट न देने की बात बोली हैं।

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