लोकसभा चुनाव 2024: इन सीटों पर प्रत्याशी उतारने से डरे अखिलेश यादव, कांग्रेस को सौंपी कमान, बीजेपी की मजबूती देख बनाया प्लान-B
- यूपी में कांग्रेस और सपा के बीच मतभेद जारी
- सपा ने कांग्रेस को बीजेपी के गढ़ में प्रत्याशी उतारने का दिया ऑफर
- कांग्रेस पहले ही 28 सीटों पर चुनाव लड़ने का बना चुकी है मन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में जल्द लोकसभा चुनाव का ऐलान होने वाला है। सभी पार्टी देश के सबसे बड़े लोकसभा राज्य उत्तर प्रदेश में अपनी रणनीति तैयार कर रही हैं। सपा ने यहां पर 16 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। जिससे कांग्रेस नाराज है। अभी तक कांग्रेस और सपा के बीच सीटों को लेकर बंटवारा नहीं हुआ है। लोकसभा चुनाव सिर पर है और यूपी में इन दोनों पार्टियों के बीच मतभेद जारी है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अभी तक इन दोनों पार्टियों के बीच सीटों की लिस्ट तय क्यों नहीं हो पा रही है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से पहले ही अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर यूपी में सीट बंटवारों को लेकर मामला स्पष्ट हो जाता है तो अच्छा रहेगा। अखिलेश की कोशिश थी कि वे जनवरी से ही अपनी सभी सीटों पर लोकसभा की तैयारियां तेज करें। लेकिन अभी तक इन दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारों को लेकर मामला साफ नहीं हो पाया है। सपा के सूत्रों की ओर से कहा गया है कि अखिलेश यादव सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं।
सपा सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव पहले ही कांग्रेस को यूपी में 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दे चुके हैं। लेकिन कांग्रेस सपा के MY समीकरण के अहम हिस्से M यानी मुस्लिम वोट बैंक को नहीं सौंपना चाहती है। सूत्र ने बताया कि इन दोनों पार्टी के बीच मुख्य मतभेद MY समीकरण को लेकर ही है। पहले कांग्रेस ने कुल 28 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव सपा को दिया। अंत में 20 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनी। इन 20 सीटों में ज्यादातर वही सीटें हैं जहां मुस्लिम बहुल आबादी है। कांग्रेस का मानना है कि अगर इन सीटों पर वे चुनाव लड़ते हैं तो उनकी दावेदारी यहां मजबूत रहेगी। हालांकि, सपा को लगता है कि यूपी में इन सीटों पर वास्तविक दावेदारी उनकी है। क्योंकि, MY समीकरण यानी मुस्लिम और यादव समाज उनके साथ हैं।
यूपी में कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, उनमें फर्रूखाबाद, रामपुर, कानुपर, लखीमपुर खीरी और मुरादाबाद शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने पूर्वांचल में महाराजगंज, इुमरियागंज, बहराइच और बाराबंकी लोकसभा सीटों पर दावेदारी पेश की है। इसके अलावा कांग्रेस बलिया से अजय राय और भदोही से राजेश मिश्रा को चुनाव में उतारने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा बाराबंकी से कांग्रेस ने तनुज पूनिया की दावेदारी को पेश की है। बता दें कि, तनुज पूनिया पीएल पूनिया के बेटे हैं।
इधर, सपा ने कहा है कि फर्रूखाबाद पर फैसला आजम खान की सहमति पर ही होगा। साथ ही, सपा ने अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने का फैसला किया है। इसके अलावा सपा ने यह भी साफ कर दिया है कि अवध और पश्चिम की भी कुछ सीटें वह कांग्रेस के लिए छोड़ देंगे। लेकिन, मुरादाबाद , रामपुर जैसी सीटों पर कांग्रेस दावा न करे।
जानकारी के मुताबिक, सपा ने कांग्रेस को अमेठी, रायबरेली के अलावा जौनपुर, झांसी, सहारनपुर,आगरा, फतेहपुर सीकरी, गाजियाबाद, बुलंदशहर, नोएडा और वाराणसी सीट देने का वादा किया है। इससे पहले भी सपा रायबरेली और अमेठी सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारती थी। ऐसे में सपा ने रायबरेली और अमेठी छोड़कर जिन सीटों को कांग्रेस को देने का वादा किया है। वहां, बीजेपी बहुत मजबूत है। इसलिए कांग्रेस इन सीटों पर दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।