नए भारतीय कानून: नए कानून लागू होने के बाद मप्र में FIR की संख्या 855 पार, ई-एफआईआर ने पकड़ी रफ्तार

  • भोपाल में सबसे ज्यादा मामले दर्ज
  • ऑनलाईन FIR दर्ज करने के बाद वेरिफिकेशन
  • आईओ करेगा वेरिफिकेशन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-04 10:52 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नए कानून लागू होने के बाद मध्यप्रदेश में कई एफआईआर दर्ज हुई है। पहले दो दिनों में एमपी में लगभग 855 से भी अधिक एफआईआर दर्ज हुई हैं। 1 जुलाई को लगभग 378 FIR दाखिल होने की जानकारी है। वहीं, 2 जुलाई को करीब 477 एफआईआर दर्ज हुई। आपको बता दें देशभर में एक जुलाई से तीन नए आपराधिक भारतीय कानून लागू हुए।

अंग्रेजों के समय से चले आ रहे भारतीय कानूनों को आजादी के 75 साल बाद अब 3 आपराधिक कानूनों को बदल दिया गया है। तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) हैं। इन कानूनों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनियम (आईईए) की जगह लागू किया गया है। इन कानूनों को पिछले साल दिसंबर में संसद से पारित किया गया था। एक जुलाई से ये कानून लागू हो गए है। 

भोपाल में सबसे ज्यादा FIR

नए क्रिमिनल कानून लागू होते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पहले दिन 1 जुलाई को सबसे अधिक एफआईआर दर्ज की गई जिसकी संख्या 35 थी। वहीं, दूसरे दिन एमपी के उज्जैन जिले में एफआईआर की संख्या सबसे ज्यादा रही। यहां 29 एफआईआर दर्ज हुई।

ई-एफआईआर की संख्या बढ़ी

आपको बता दें नए कानून के तहत लोगों को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवाने की सुविधा मिली है। सीसीटीएनएस के हिसाब से मध्यप्रदेश में 1 जुलाई को 53 ई-एफआईआर दर्ज हुई है। वहीं, 2 जुलाई को 45 FIR दाखिल हुई। साथ ही यह खबर है कि मध्यप्रदेश में लगातार एफआईआर की संख्या बढ़ती जा रही है।

घर बैठे- बैठे करें एफआईआर दर्ज

नए आपराधिक कानून के तहत लोग ई-एफआईआर कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर कोई भी पीड़ित व्यक्ति पुलिस स्टेशन जाने में असमर्थ है तो वह ऑनलाइन FIR दर्ज कर सकता है।

सबसे पहले अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस की वेबसाइट पर जा सकते हैं। इसके अलावा आप किसी भी ई-कम्युनिकेशन माध्यम से पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत भेज सकते हैं। इसके बाद घटना की पूरी डिटेल फिल करें। अपनी पर्सनल डिटेल भरें और इसके साथ ही जरूरी दस्तावेजों की डिटेल भी भरें।

ऑनलाईन FIR दर्ज करने के बाद वेरिफिकेशन के लिए ई-एफआईआर को जांच अधिकारी को भेजा जाएगा। इसके बाद इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रारंभिक जांच शुरू करेगा कि प्रथम दृष्टया कोई मामला है या इसमें करीब 14 दिन लगेंगे। ई-कम्यूनिकेशन के जरिए भेजी गई शिकायत को 3 दिन के भीतर रिकॉर्ड किया जाएगा। इसके बाद ई-एफआईआर को दर्ज किया जाएगा। वहीं, अगर शिकायत के आधार पर तुरंत एक्शऩ लेने की जरूरत लगती है तो इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर मामला दर्ज कर सकता है। एसएचओ की तरफ से एफआईआर को रिव्यू किया जाएगा। इसके बाद इन्वेस्टिगेशन अधिकारी को असाइन किया जा सकता है। साथ ही जिसने शिकायत दर्ज करवाई है उसे एफआईआर की कॉपी मुफ्त में दी जाएगी।

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