MP चुनाव 2023: पहली लिस्ट जारी करने के बाद कांग्रेस की सपा से बढ़ी दूरियां, मध्य प्रदेश में गठबंधन को लेकर खत्म हुआ अटकलों का बाजार
- पहली लिस्ट जारी करने के बाद कांग्रेस की सपा से बढ़ी दूरियां
- मध्य प्रदेश में गठबंधन को लेकर खत्म हुआ अटकलों का बाजार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच मोदी सरकार के खिलाफ बनाई गई 28 दलों वाले 'इंडिया' गंठबंधन में आपसी तकरार देखने को मिल रहा है। जहां आम आदमी पार्टी पहले से ही मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारने के लिए सूची जारी करती जा रही है। वहीं, अब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) में गठबंधन की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। हालांकि, इन दोनों पार्टियों की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर बात जरूर हुई थी, लेकिन बात नहीं बन पाई।
सपा को लगा झटका!
गौरतलब है कि रविवार को मध्यप्रदेश विस चुनाव के लिए कांग्रेस ने 144 सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। जिसके साथ ही साफ हो गया कि कांग्रेस एमपी में अकेले चुनाव लड़ने जा रही है। कांग्रेस की ओर से जारी किए गए प्रत्याशियों की लिस्ट में गौर करने वाली बात यह है कि पार्टी ने उन 7 में से 4 सीटों पर भी उम्मीदवार उतारे हैं, जहां सपा पहले ही अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी थी। सपा पिछले चुनाव में छतरपुर के बिजावर सीट से जीत हासिल की थी। लेकिन कांग्रेस ने रविवार को यहां पर भी अपने उम्मीदवार के नाम घोषित कर दिए। जिससे सपा को बड़ा झटका लगा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल ने कहा, 'कांग्रेस से गठबंधन की सभी संभावनाएं समाप्त हो चुकी हैं। हमारी बात कांग्रेस के नेतृत्व से हुई थी, लेकिन रविवार को वह भी खत्म हो गई। अब पार्टी अकेले ही विस चुनाव लड़ेगी।' जानकारी मिली है कि कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद से ही सपा नेता अखिलेश यादव नाखुश हैं। सूत्रों के मुताबिक, सपा मध्य प्रदेश के कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जिसे जीतने के लिए अखिलेश यादव पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पूरजोर कोशिश करेंगे।
कांग्रेस ने सपा को लेकर कही ये बातें
रिपोर्ट के मुताबिक सपा अध्यक्ष ने एक करीबी नेता से नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस बीजेपी को हराने में कम दिलचस्पी दिखा रही है। हमने कांग्रेस नेतृत्व से बातचीत भी की, लेकिन उन्होंने गठबंधन को लेकर कम दिलचस्पी दिखाई। हमे लगता है कि कांग्रेस का मकसद बीजेपी को नहीं हराना है कि बल्कि सपा को हराना है।' इसके अलावा सपा अध्यक्ष ने साफ करते हुए कहा कि हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए होगा। हम अकेले ही एमपी में विस चुनाव लड़ेंगे। पार्टी नेता ने जानकारी दी है कि सपा 30-35 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
इधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पीयूष बबेले ने कहा कि सीट शेयरिंग के मामले में अंतिम फौसला हाई कमान की ओर से किया जाएगा। एक अन्य नेता ने अपनी पहचान ना उजागर करते हुए कहा कि सपा अपनी ताकत से ज्यादा सीटें की मांग कर रही थी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश की सियासत में सपा की पकड़ कमजोर है। वे कैसे इतनी सीटों का मांग कर सकते हैं? इस मसले में कुछ किया जा सकता था, लेकिन सपा को अपनी जमीनी सच्चाई को स्वीकार करने की जरूरत है।