चुनावी राहत: केजरीवाल की जमानत के बाद हेमंत सोरेन के समर्थकों के बीच बेल को लेकर छिड़ी बहस
- हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
- जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई
- लंबी पूछताछ के बाद किया था अरेस्ट
डिजिटल डेस्क, रांची। शीर्ष कोर्ट से दिल्ली सीएम केजरीवाल को जमानत के मिलने के बाद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को जमानत मिलने को लेकर उनके समर्थकों के बीच बहस छिड़ गई है। टॉप कोर्ट से केजरीवाल को भले ही अंतरिम जमानत मिल गई है लेकिन उन्हें 1 जून तक की मोहलत दी गई है, जिसके बाद उन्हें 2 जून को दोबारा सरेंडर करना होगा। सीएम केजरीवाल के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यह बहस छिड़ गई है कि केजरीवाल की तरह ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुको से जमानत मिल सकती है।
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने भी उच्चतम न्यायालय में जमानत की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है कि उन्हें उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करना है। सोरेन की याचिका पर सोमवार 13 मई को सुनवाई होगी, यानी अब सोमवार को ही तय होगा कि केजरीवाल की तरह क्या हेमंत सोरेन भी जेल से बाहर आएंगे या नहीं।
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी और उसके बाद जेल जाने पर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से साफ मना कर दिया था। वह आम आदमी पार्टी संयोजक के पद पर भी बने रहें। केजरीवाल के विपरीत हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।
सोरेन ने हाई कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी, लेकिन इस याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सोरेन की दलील थी कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है और वो बेगुनाह हैं। हाई कोर्ट की ओर से सोरेन की दलीलों को अस्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि, उन्हें अपने चाचा के अंतिम संस्कार में पुलिस कस्टडी के साथ शामिल होने की इजाजत दी गई थी। आपको बता दें कथित जमीन घोटाले के मामले में सोरेन को 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था।