लोकसभा चुनाव 2024: आखिर मानने पर मजबूर हो ही गए अखिलेश यादव? जयंत चौधरी के नाम पर अखिलेश यादव ने कुछ यूं दिया रिएक्शन
- अखिलेश ने जयंत चौधरी के सवाल पर कही ये बात
- इंडिया गठबंधन से रालोद की बढ़ रही दूरी
- बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के नेता जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने के सवालों को नजरअंदाज किया है? दरअसल, वाराणसी में गुरुवार को अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत की थी। इस दौरान जब सपा सुप्रीमो से जयंत चौधरी को लेकर सवाल पूछे गए तब उन्होंने इसका साफ तौर पर जवाब नहीं दिया। वहीं, इस पर जवाब देने के बजाए अखिलेश ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला दिया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी दलों को तोड़ने का काम अच्छी तरह से करती है। बीजेपी जानती हैं कि किसे कब लाना होता है और कब खरीदना होता है। किसके मुंह पर कब ताला लगाना होता है, किसका बजट कैसे तय करना होता है। इस बारे में पार्टी को काफी अच्छा अनुभव है। अखिलेश ने आगे कहा कि बीजेपी को बेइमानी करना अच्छे तरह से आता है। वहीं, उन्होंने उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के काशी-मथुरा वाले बयान को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि हमारे लिए संविधान और कोर्ट सर्वोपरि है। अखिलेश ने सीएम योगी के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सीएम कौन होते हैं यह तय करने वाले कि कौन पांडव है और कौन कौरव है?
बाबतपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने जयंत चौधरी के एनडीए में जाने के सावलों का दबे हुए स्वर में जवाब दिया। उन्होंने कहा भाजपा को दलों में फूट डालना अच्छे से आता है। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी तरह तरह के चुनावी हथकंडे आजमाना जानती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को पता है कि किसके पीछे कब और कैसे जांच एजेंसियों को जुटाया जाता है।
बीजेपी-रालोद गठबंधन की अटकलें तेज
बीजेपी पर आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अपराध के साथ भ्रष्टाचार कैसे बढ़ रहा है, इस पर पार्टी चुप्पी साध लेती है। देश के जवान नागरिक इतने मजबूर हैं कि उन्हें युद्धग्रस्त इजराइल में नौकरी करनी पड़ रही है। एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 से अब तक एक लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
बता दें, कुछ दिनों से रालोद पार्टी का इंडिया गठबंधन से एनडीए में शामिल होने की खबरें सामने आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने रालोद को चार सीटें देने का प्रस्ताव रखा है। मगर, इस ऑफर के लिए रालोद राजी नहीं हो रहा है। इसके लिए पार्टी बीजेपी से सात सीटों की मांग कर रही है। वहीं, बिहार की मुजफ्फरनगर सीट को लेकर भी रालोद-बीजेपी में बात नहीं बन पा रही है। हालांकि, यदि इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाता है, तो जल्द ही दोनों पार्टियां गठबंधन की घोषणा कर सकती हैं।