ओडिशा विधानसभा चुनाव: चौथे चरण में 394 उम्मीदवार, दो उम्मीदवारों के पास कोई संपत्ति ही नहीं
- किसी के पास 645 तो किसी के पास 1 हजार रुपए
- 31 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति
- 96 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओडिशा में विधानसभा चुनाव के चौथे और अंतिम चरण की वोटिंग होना बाकी है। इस चरण में कुल 394 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें दो कैंडिडेट ऐसे भी हैं, जिनके पास कोई संपत्ति नहीं है। उन्होंने अपने हलफनामे में शून्य संपत्ति घोषित की है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और ओडिशा इलेक्शन वॉच की ओर से 394 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण करने पर ये बात सामने आई। ये सभी उम्मीदवार ओडिशा की 42 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथे चरण में मैदान में उतरे करीब 121 उम्मीदवार (कुल उम्मीदवारों का 31 प्रतिशत) 'करोड़पति' हैं, जिनमें बस्ता क्षेत्र से बीजद उम्मीदवार सुबासिनी जेना 135.17 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर हैं।
सिमुलिया से बीजद उम्मीदवार सुबासिनी साहू 91.75 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरी सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। भंडारीपोखरी विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार निरंजन पटनायक 86.58 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी चल रहे हैं। अब तक तीन चरण का मतदान हो गया था। चौथे चरण में 42 विधानसभा सीटों पर एक जून को मतदान होगा। ये सीटें मयूरभंज, बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर लोकसभा क्षेत्र में आती हैं।
धामनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवार संजय कुमार दास और कोरेई सीट से अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण मोहंत ने घोषणा की कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। कई अन्य उम्मीदवारों ने घोषणा की है कि उनके पास 10,000 रुपये से भी कम की संपत्ति है।
उदाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवार बेनुधर महापात्र ने बताया कि उनके सिर्फ 645 रुपये हैं। एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार झरनरानी जेना ने घोषणा की है कि उनके पास सिर्फ 1,000 रुपये हैं. जेना यहां बस्ता सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
चौथे चरण में कुल 394 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से 96 उम्मीदवारों ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. कुल 149 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 और 12 के बीच घोषित की है. जबकि 220 उम्मीदवार स्नातक या उससे ज्यादा पढ़े लिखे हैं। इसके अलावा, 22 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं और तीन उम्मीदवारों ने खुद को सिर्फ साक्षर घोषित किया है।