पर्यावरण: भारत ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में डेटा इंटिग्रिटी की जरूरत पर रोशनी डाली
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, गिरीश चंद्र मुर्मू ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक पैनल चर्चा के दौरान कहा कि किसी भी राष्ट्रीय जलवायु कार्य योजना के निष्पक्ष ऑडिट मूल्यांकन के लिए डेटा इंटिग्रिटी जरूरी है। इसके अभाव के कारण जलवायु डेटा में पक्षपात और नीतिगत निर्णय गलत हो सकते हैं।
नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, गिरीश चंद्र मुर्मू ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक पैनल चर्चा के दौरान कहा कि किसी भी राष्ट्रीय जलवायु कार्य योजना के निष्पक्ष ऑडिट मूल्यांकन के लिए डेटा इंटिग्रिटी जरूरी है। इसके अभाव के कारण जलवायु डेटा में पक्षपात और नीतिगत निर्णय गलत हो सकते हैं।
सीएजी कार्यालय द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, 25 और 26 मार्च को 'क्लाइमेटस्कैनर ग्लोबल कॉल : एंगेजिंग सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस इन असेसिंग नेशनल क्लाइमेट एक्शन, अकाउंट्स - ब्राजील (टीसीयू)' पर दो दिवसीय कार्यक्रम होगा।
क्लाइमेटस्कैनर जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को कम करने में सरकारी प्रयासों का आकलन करने के लिए एक व्यापक ऑडिट टूल विकसित करने के लिए ब्राजील के सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशन के नेतृत्व में एक पहल है।
मुर्मू ने कहा कि सुप्रीम ऑडिट संस्थानों को राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई का आकलन करते समय कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें डेटा अंतराल, अधूरे रिकॉर्ड और सीमित संख्या में जलवायु स्टेशन शामिल हैं।
मानकीकृत कार्यप्रणाली और रिपोर्टिंग ढांचे की कमी और उत्सर्जन को मापने के लिए विभिन्न देशों द्वारा अलग-अलग तरीकों को अपनाने से डेटा की तुलना और एकत्रीकरण का कार्य विश्व स्तर पर चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए एसएआई सदस्यों के बीच क्षमता निर्माण और सहयोग के लिए निरंतर प्रयासों की जरूरत है।
सत्र में मुर्मू ने 2008 में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) की स्थापना के साथ शुरू हुई भारत की जलवायु कार्रवाई यात्रा को साझा किया।
उन्होंने कहा कि भारत ने आठ राष्ट्रीय मिशनों में सफलता हासिल की है, जिसमें 2005 के बाद से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में गिरावट और 2030 तक 50 फीसदी के लक्ष्य के मुकाबले गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 42 फीसदी संचयी स्थापित क्षमता को पूरा करना शामिल है।
उन्होंने एसएआई सदस्यों से सहयोगात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन पहल के ऑडिट से प्राप्त अंतर्दृष्टि से सिफारिशें विकसित करके हम एसएआई के लिए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।"
भारत के सीएजी ने एक अलग कार्यक्रम में औपचारिक रूप से एसएआई 20 एंगेजमेंट ग्रुप की 2024 की अध्यक्षता ब्राजील के संघीय लेखा न्यायालय के अध्यक्ष, मंत्री ब्रूनो दांतास को सौंपी।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|