वर्ल्ड मैन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे पंघाल, ऐसा करने वाले पहले भारतीय
वर्ल्ड मैन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे पंघाल, ऐसा करने वाले पहले भारतीय
- फाइनल में शनिवार को पंघाल का मुकाबला उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से होगा
- पंघाल ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव को 3-2 से हराया
- वर्ल्ड मैन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पंघाल पहले भारतीय मुक्केबाज बन गए हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के एशियाई चैंपियन अमित पंघाल (52 किग्रा वर्ग) वर्ल्ड मैन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गए है। दूसरी वरीयता प्राप्त पंघाल ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव को 3-2 से हराया।
पंघाल ने पहले राउंड में सेटल होने के लिए समय लिया लेकिन उन्होंने कुछ जानदार पंच लगाए। दूसरे राउंड में वह शुरू से ही साकेन पर हावी दिखे और उन्हें दबाव में डाल दिया। तीसरे राउंड में साकेन ने वापसी की कोशिश की लेकिन पंघाल ने डिफेंसिव खेल दिखाते हुए बाउट अपने नाम की।
पंघाल ने इस जीत के बाद कहा, "मेरे लिए बाउट बहुत अच्छी रही, हालांकि जितना मैंने सोचा था, उससे ज्यादा प्रयास मुझे करना पड़ा। यह भारतीय मुक्केबाजी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और मैं उन सभी का आभारी हूं जिन्होंने सपोर्ट मुझे मिला।"
अब फाइनल में शनिवार को पंघाल का मुकाबला उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से होगा जिन्होंने फ्रांस के बिलाल बेनामा को दूसरे सेमीफाइनल में शिकस्त दी। भारतीय मुक्केबाजी में अमित पंघाल के ऊपर चढ़ने का ग्राफ शानदार रहा है। जिसकी शुरूआत 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में 49 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक से हुई थी।
दूसरी ओर, कॉमनवेल्थ गेम्स के रजत पदक विजेता मनीष कौशिक (63 किग्रा वर्ग) सेमीफाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त क्यूबा के मुक्केबाज एंडी गोमेज़ क्रूज़ से 0-5 से हार गए।
सेमीफाइनल में हारने के बाद कौशिक ने कहा, "मैंने इस मुकाबले में अपना सब कुछ दिया, लेकिन मुझे लगता है कि मेरे खेल में कुछ चीजों की कमी है, जिसे मैं सुधारने की कोशिश करूंगा।" उन्होंने कहा कि "मैं कड़ी मेहनत करूंगा और आने वाले टूर्नामेंटों में बेहतर परिणाम दूंगा।"
पंघाल और कौशिक ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के सिंगल एडिशन में भारत को एक से अधिक कांस्य पदक सुनिश्चित करके इतिहास रचा है। वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए पिछले पदक विजेता विजेन्द्र सिंह (2009), विकास कृष्णन (2011), शिवा थापा (2015) और गौरव बिधुरी (2017) हैं।