जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं: सुरंग में वर्टिकल खुदाई, नीचे से चूहे की तर्ज पर कुतरन, जानिए एक साथ कितने चल रहे प्लान

  • ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा
  • 3 घंटे बाद शुरू होगी मैन्युअल ड्रिलिंग
  • रैट माइनर्स की तरह होगी खुदाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-27 08:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में रविवार से की जा रही वर्टिंकल ड्रिलिंग जारी है। यानी खुदाई ऊपर से नीचे की ओर की जा रही है। उर्ध्वाधर खुदाई करने के पीछे की वजह ऑगर मशीन की टूटी हुई ब्लेड बताई जा रही है। हालांकि अब इन्हें निकाल लिया गया है। इसके बाद हाथों से खुदाई की जाएगी। और मजदूरों को निकाला जाएगा। हाथों से होने वाली खुदाई को रैट माइनर्स कहा जा रहा है क्योंकि इस खुदाई में प्रशिक्षण प्राप्त मजदूरों से खुदाई करवाई जाएगी। ये खुदाई चूहों की तर्ज पर की जाएगी। जिस प्रकार चूहे धीरे धीरे कुतरते हुए बिल बनाते है।|

माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है। मैन्युअल ड्रिलिंग संभवत: 3 घंटे बाद शुरू होगी। हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है। यह काम जमीन के व्यवहार पर निर्भर करता है। जल्दी भी हो सकता है और थोड़ा लंबा भी हो सकता है। हमें विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं।

आपको बता दें दिवाली दिन से टनल में फंसे 41 मजदूरों को आज 16 वां दिन होने जा रहा है। हालांकि श्रमिकों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। जिनमें बेहतर तकनीकी वाली ड्रेलिंग मशीन और विशेषज्ञों को अलग अलग देशों से भी बुलाया गया।

41 जिंदगियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी सुरक्षा एजेंसियों का सबसे अधिक फोकस ऑगर मशीन के रास्ते पर है। जो कुछ दिन पहले अवरूद्ध हो गया। क्योंकि ड्रेलिंग मशीन टनल के पाइप में फंस गई थी। जिसे बाहर निकाला जाना है। इसे रोककर यहां के बाद की खुदाई हाथों से की जाएगी।

सुरंग के दूसरे छोर यानि बड़कोट साइड पर कार्य जारी है। यहां टीएचडीसी ने चार विस्फोट कर 10.7 मीटर रास्ता बना लिया है, यहां दो मीटर चौड़ाई का पाइप 483 मीटर दूरी तक बिछाया जाना है। सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव महमूद अहमद ने रविवार को बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब एक साथ कई प्लानिंग पर काम चल रहा है। रविवार को वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया।

किस किस प्लान पर चल रहा है काम ?

प्लान 1

सिलक्यारा की तरफ से 800 एमएम के पाइप में फंसी ऑगर मशीन को बाहर निकाला जा रहा है। इसके बाद आगे की खुदाई हाथों से की जाएगी।

प्लान 2

एसजीवीएनएल ने सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग कर एक मीटर चौड़ा पाइप 19.2 मीटर तक पहुंचा दिया है। यहां कुल 86 मीटर पाइप ड्रिल किया जाना है।

पाइप 3

आरवीएनएल भी सुरंग के ऊपर एक अन्य स्थान पर वर्टिकल ड्रिलिंग कर रास्ता बनाएगी। इसके लिए मशीनें पहुंच गई हैं। व उनके लिए प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है।

प्लान 4

बड़कोट की तरफ से वर्टिकल ड्रिलिंग को ओनएनजीसी ने फील्ड सर्वे कर लिया है। बीआरओ ने मशीनों को पहुंचाने के लिए 975 मीटर सड़क तैयार की। 

प्लान 5

बड़कोट छोर की ओर से टीएचडीसी ने चार ब्लास्ट कर 10.7 मीटर अंदर तक राह बना ली है, यहां दो मीटर चौड़ाई का पाइप 483 मीटर तक बिछाना जाना है।

Tags:    

Similar News