78वां स्वतंत्रता दिवस: लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन समाप्त, UCC से लेकर परिवारवाद-जातिवाद तक, कई मुद्दों पर की चर्चा

  • देश में 78वां स्वतंत्रता दिवस आज
  • दिल्ली के लाल किले पर पीएम मोदी ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज
  • लाल किले की नाजीर से राष्ट्र के नाम किया संबोधित

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-15 03:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश आज यानी 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में रमा हुआ है। देशभर में लोग आजादी के त्यौहार को बड़े हर्षोउल्लास के साथ मना रहे हैं। 15 अगस्त के दिन भारत के वीर शहीदों ने देश को अंग्रेजों की 200 साल पुरानी गुलामी से मुक्त कराया था। इस मौके पर देश के हर राज्य में शहर से लेकर गांव तक आजादी के जश्न को झण्डा फैहराकर मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर लगातार 11वीं राष्ट्रीय ध्वज फैहराया। बता दें, इस बार की थीम विकसित भारत @2047 पर रखी गई है। इसके बाद पीएम मोदी देश को संबोधित किया। इस भव्य कार्यक्रम में उन्होंने देश से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। 

Live Updates
2024-08-15 04:07 GMT

लाल किले की प्राचीर से नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन को समाप्त किया। इस दौरान उन्होंने स्पेस सेक्टर से लेकर महिलाओं की भागीदारी तक के मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने देश से विकसित भारत की पहल को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया। 

2024-08-15 04:01 GMT

पीएम मोदी ने कहा, "आज हर काम को चुनाव से रंग दिया गया है. सभी राजनीति दलों ने अपने विचार रखे हैं। एक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयारी है। देश को वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए आगे आना होगा। मैं राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन के सपने को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए।" 

2024-08-15 04:00 GMT

पीएम मोदी ने कहा, "परिवारवाद और जातिवाद से लोकतंत्र को नुकसान पहुंच रहा है। इससे हमें देश को मुक्ति दिलानी है। हमारा एक मिशन ये भी है कि एक लाख ऐसे लोगों को आगे लाया जाए, जिनके परिवार में किसी का भी राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं हो। इससे देश को परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति मिलेगी। इससे नयी सोच सामने आएगी। वे किसी भी दल में जा सकते हैं।" 

2024-08-15 03:59 GMT

पीएम मोदी ने संबोधन में कहा "बांग्लादेश में हुई हिंसा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना आम बात है। मैं आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे। देशवासी चाहते हैं कि वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख-शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमारे शुभचिंतन ही रहेगा, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।" 

2024-08-15 03:57 GMT

पीएम मोदी ने कहा , "सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है। देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड सांप्रदायिक है। इस बात में सच्चाई भी है। ये भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। संविधान के 75 वर्ष जब मनाए जाएंगे तो संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करना हमारा दायित्व है। मैं चाहता हूं कि हर वर्ग इस पर चर्चा करे। धर्म के आधार पर बांटने वाले कानूनों का समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है। अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो। कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा। तब जाकर हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी।" 

2024-08-15 03:55 GMT

पीएम मोदी ने कहा कि "देशवासी भ्रष्टाचार की दीमक से परेशान रहे हैं। हर स्तर के भ्रष्टाचार ने लोगों के विश्वास को तोड़ा है। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ा है। मैं जानता हूं कि इसकी कीमत मुझे चुकानी पड़ती है। मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जाता है, लेकिन राष्ट्र से बड़ी मेरी प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है। देश के सपनों से बड़ा मेरा सपना नहीं हो सकता है। इसलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई शुरू होगी। मैं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भय का माहौल पैदा करना चाहता हूं।" 

उन्होंने आगे कहा, "हमारे देश में कुछ ऐसे लोग निकल रहे हैं, जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं। खुलेआम इसका जय जयकार कर रहे हैं। ये समाज के लिए चुनौती बन गया है।" 

2024-08-15 03:51 GMT

पीएम मोदी ने संबोधन में कहा, "हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ऐसे भी होते हैं जो प्रगति नहीं देख सकते हैं। वे भारत का भला नहीं सोच सकते हैं, क्योंकि जब तक उनका भला ना हो, तब तक वे किसी का भला नहीं सोचते हैं। ऐसी विकृत मानसिकता वाले लोगों से जनता को बचना होगा। वे निराशा की गर्त में डूबे लोग हैं। ऐसे लोगों से देश को सावधान रहना होगा।

उन्होंने आगे कहा, "जैसे-जैसे हम ताकतवर बनेंगे, वैसे-वैसे हमारी चुनौतियां बढ़ने वाली हैं। बाहर की चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं। मगर मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता है। हमने कभी दुनिया को युद्ध में नहीं झोंका. हम बुद्ध के देश हैं, युद्ध के नहीं। मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि वे भारत के आगे बढ़ने से चिंतित नहीं हो। चुनौतियां कितनी ही क्यों ना हो। चुनौती को चुनौती देना भारत की फितरत में है।" 

2024-08-15 03:37 GMT

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा "आज यहां पर वो नौजवान बैठे हैं, जिन्होंने ओलंपिक में भारत का परचम लहराया है। मैं देश के एथलीटों को भारत की तरफ से बधाई देता हूं। आने वाले दिनों में भारत का एक दल पेरिस पैरालंपिक खेलों में जाएगा। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।" 

इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, "भारत में जी20 का आयोजन हुआ। कई शहरों में 200 से ज्यादा इवेंट आयोजित किए गए। इसने दिखाया है कि भारत के पास बड़े से बड़े इवेंट को आयोजित करने की ताकत है, इसलिए हमारा सपना है कि 2036 में होने वाला ओलंपिक हमारे यहां आयोजित हो। इसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं।" 

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