वर्ल्ड एक्सपोर्ट बनाम भारतीय एक्सपोर्ट: नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा,चीन के नीचे जाते ट्रेड का लाभ उठा सकता है भारत
- ट्रेडिंग पार्टनर्स को मिलेगी भविष्य की अपॉर्च्युनिटीज की सही जानकारी
- इंडिया सर्विस सेक्टर में आगे, मर्चेंडाइज ट्रेड में पीछे
- भारत के एक्सपोर्ट और वर्ल्ड डिमांड के बीच में है एक ग्लिच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत नीति आयोग ने आज भारतीय ट्रेड पर आधारित पहली त्रैमासिक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट को वाइस चेयरमैन सुमन बेरी और सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने पेश किया। रिपोर्ट में भारत के ट्रेड का वर्ल्ड ट्रेड के साथ तुलनात्मक स्टडी की है।
नीति आयोग की रिपोर्ट में डिमांड सप्लाई की ताजा स्थिति बताई है। रिपोर्ट में किस सेक्टर में और उत्पादों में अवसरों के बारे में बताया गया है। आयोग की रिपोर्ट में ट्रेड का कंपोजिशन, पैटर्न , ट्रेडिंग पार्टनर, जियोपॉलिटिकल कॉन्फ्लिक्ट्स और अनिश्चितता के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट का उद्देश्य पॉलिसी मेकर्स, रिसर्चर्स को सही तथ्य उपलब्ध कराना है। इसमें ट्रेड के इश्यूज, चैलेंजेज और अपॉर्च्युनिटीज पर बात की गई है। ट्रैवल, ट्रांसपोर्टेशन, इन्श्योरेंस सर्विसेज़ का शेयर वर्ल्ड ट्रेड में 50 फीसदी है जबकि हमारा 3 फीसदी से भी कम है।
नीति आयोग ने रिपोर्ट में बताया गया है कि मर्चेंडाइज ट्रेड में हम अभी पीछे हैं जबकि सर्विसेज़ सेक्टर में भारत आगे हैं। सर्विसेज़ मेंआईटी और बिज़नेस सर्विसेज पर भारत अधिक निर्भर हैं। वैश्विक मांग और इंडिया एक्सपोर्ट में काफी मिस्मैच है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां वैश्विक मांग ज़्यादा है वहाँ भारत से आपूर्ति कम है और जहां वैश्विक मांग कम है वहां भारत की आपूर्ति ज़्यादा है।
भारत के कुल एक्सपोर्ट में अनाज का एक्सपोर्ट केवल 0.7 परसेंट है जबकि वर्ल्ड ट्रेड में अनाज का निर्यात 7 फीसदी है। भारत में इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट टोटल एक्सपोर्ट का 15 परसेंट है जबकि विश्व में हमारा शेयर सिर्फ 1 फीसदी शेयर है, जबकि चीन का 26 फीसदी है।